पटना : बिहार में कोरोना को लेकर चल रही तमाम तैयारियों पर करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। दूसरी ओर लॉकडाउन के कारण सूबे की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ी है। ऐसे में नीतीश सरकार ने अगले साल तक सभी मंत्रियों, विधायकों और विधान पार्षदों की सैलरी का 15 प्रतिशत काटने का फैसला लिया है। बिहार सरकार के इस फैसले से करीब 7900 करोड़ रुपए की बचत होगी। बता दें बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट की बैठक की। जिसमें इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। इसके साथ ही 29 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। इससे पहले बिहार के कई मंत्रियों और विधान पार्षदों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसे दान दिए थे। लेकिन कैबिनेट की बैठक कर सैलरी की कटौती का फैसला कर लिया है।
केंद्र सरकार पूर्व में ले चुकी है यह फैसला
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चार दिन पहले सभी मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें सभी केंद्रीय मंत्रियों
और पूर्व मंत्रियों के वेतन में कटौती का फैसला लिया गया था। ताकि केंद्र सरकार के पास फंड की कमी नहीं हो और कोरोना
को लेकर जारी जंग में जरूरी उपकरण और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।