यह सर्वविदित है कि कोरोनावायरस फेफड़ों को क्षतिग्रस्त कर देता है। लेकिन इस वायरल संक्रमण के हृदय पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की वजह से हृदय.विशेषज्ञ सकते में हैं। एक शोध के अनुसारए कोरोनावायरस से प्रभावित 30 प्रतिशत रोगियों में यह अवलोकित किया गया है कि उनमें कार्डियक ट्रोपोनीन की उच्चस्तरीय मात्रा विद्यमान थी।
वस्तुतः कार्डियक ट्रोपोनीन एक प्रकार का प्रोटीन तत्व है जोकि कोरोनावायरस द्वारा क्षतिग्रस्त की गयी हृदय मांसपेशी द्वारा शरीर से निकलता है। इस वजह से इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम ईसीजी में कुछ नये प्रकार की हृदय असामान्यताएं अवलोकित की गयी हैं। कोरोनावायरस की वजह से होनेवाली मौतों में इस हृदय जटिलता का 40 फीसदी योगदान है।
इंडियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार कोरोनावायरस द्वारा संक्रमित व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरक्षक प्रणाली कोरोनावायरस से संघर्ष करती है। इस संघर्ष के दौरान काफी संख्या में साइटोकिन्स रक्त में अत्यधिक तेज़ गति से फैल जाते हैं। साइटोकिंस छोटे छोटे आकार के प्रोटीन होते हैं जिनकी भूमिका सेल सिग्नलिंग कोशाणु संकेतन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होती है।
रक्त में काफी संख्या में साइटोकिंस फैलने से हृदय की कार्यप्रणाली में जटिलताएं आ जाती हैं। परिणाम यह होता है कि कोविड 19 से संक्रमित व्यक्ति हृदयाघात हार्ट अटैक का शिकार हो जाता है।
कोरोना 19 संक्रमण के अन्य दुष्प्रभावों, मसलनय श्वसन तंत्र प्रणाली का क्षतिग्रस्त होना तथा रक्त में ऑक्सीजन की कम मात्रा की वजह से हृदय की कार्यप्रणाली बुरी तरह प्रभावित होती हैएष् यह कहना है गुड़गांव स्थित मेदांता मेडिसिटी अस्पताल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ नरेश त्रेहन का।
डॉ त्रेहन आगे बताते हैं कि कोविड 19 से संक्रमित व्यक्तियों में रक्त का थक्का जमने लगता है जिसकी वजह से हृदयाघात हो जाता है। डॉ त्रेहन का मानना है कि कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से हृदय मांसपेशियों की अपूरणीय क्षति होती है। शोध के अनुसारए कोरोनावायरस का हृदय पर पड़ने वाला यह दुष्प्रभाव संक्रमित व्यक्तियों में संक्रमण होने के दूसरे सप्ताह.समयकाल में परिलक्षित होता है। ECG रिपोर्ट में ट्रोपोनीन के स्तर के बढ़ने से एवं हृदय की धड़कन का असामान्य रूप से धड़कना इन सबों की वजह से असामानताएं दिखने लगती हैं।
(प्रस्तुति : ज्ञानभद्र. लेखक ज्ञान भद्र स्वास्थ्य मामलों के अच्छे जानकार माने जाते हैं और हेल्थ काॅलमनिस्ट के रूप में इनके आर्टिकल विभिन्न अखबारों व पत्रिकाओं में छपते रहे हैं.)
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