पटना : बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए 51 साल बाद आज वोटिंग होगी। वोटिंग के बाद विजय सिन्हा या अवध बिहारी चौधरी विधानसभा के अध्यक्ष बनेंगे। इनका आज भी शपथ ग्रहण भी होगा। बता दें 1969 में धनिकलाल मंडल ने रामनारायण मंडल को हराकर अध्यक्ष बने थे। इस बार एनडीए के प्रत्याशी विजय सिन्हा की जीत की संभावना ज्यादा है। भाजपा विधानमंडल के नेता तारकिशोर प्रसाद ने अपने 125 विधायकों से चुनाव में अनिवार्य रूप से शामिल होने को कहा है। इधर, महागठबंधन ने अपने प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी की जीत का दावा किया है।
लखीसराय से विधायक विजय, अवध सीवान के
एनडीए से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विजय सिन्हा लखीसराय सदर विधायक हैं। पिछली बार एनडीए सरकार में श्रम संसाधन मंत्री थे। वहीं, महागठबंधन के प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी सीवान से राजद के विधायक हैं। दोनों के नाम की घोषणा मंगलवार को हुई, जिसके बाद इन दोनों ने प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी के समक्ष अपना-अपना पर्चा दाखिल किया।
एनडीए से नंदकिशोर थे फाइनल
विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए एनडीए की ओर नंदकिशोर यादव के नाम की पहले घोषणा हुई थी। भाजपा ने अपने नेता को अध्यक्ष बनाने की घोषणा थी। फिर सवर्णों की नाराजगी का हवाला देकर सवर्ण नेता को अध्यक्ष पद के लिए चुने जाने की कवायद तेज हुई और विजय सिन्हा का चयन हुआ। इनसे पहले विनोद नारायण झा के नाम की चर्चा थी, लेकिन फिर अचानक विजय सिन्हा की घोषणा हुई।