पटना : पूरे बिहार के प्रति व्यक्ति आय से 3.59 गुना ज्यादा राजधानी पटना की प्रति व्यक्ति आय है। बिहार के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार सूबे की प्रति व्यक्ति आय 31287 है। वहीं, पटना वाले का आय 1 लाख 12 हजार 604 रुपए है। यहां के लोगों की प्रति व्यक्ति आय यह है। इसके बाद बेगूसराय की प्रति व्यक्ति आय 27971 रुपए है। जबकि मुंगेर की प्रति व्यक्ति आय 19816 है। वित्त विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया है। इसमें उन्होंने सभी जिलों की रैंकिंग जारी किया। समृद्ध जिलों में पटना पहले पायदान पर है। इसके बाद बेगूसराय, मुंगेर है। दूसरी गरीब जिलों की सूची में किशनगंज है। यहां प्रति व्यक्ति आय 19313 रुपए है। फिर अररिया है। यहां प्रति व्यक्ति आय- 19898 रुपए है। शिवहर में प्रति व्यक्ति आय 17569 रुपए है।
संपन्नता मापने की इकाइयां
आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट कुछ चीजों से तैयार हुई है। जैसे जिले में पेट्रोल की खपत, एलपीजी गैस का इस्तेमाल। आंकड़ों के मुताबिक पेट्रोल की खपत में पटना सबसे आगे है। इसके बाद मुजफ्फरपुर और वैशाली है। दूसरी ओर लखीसराय, बांका और शिवहर में पेट्रोल की खपत काफी कम है। वहीं, एलपीजी के इस्तेमाल में मुफ्फरपुर सबसे अव्वल है। इसके बाद पटना और बेगूसराय में एलपीजी की खपत ज्यादा है। जबकि सबसे कम खपत में बांका, अररिया और किशनगंज जिला है।
लघु बचत में पटना, सारण व नालंदा आगे
लघु बचत में राजधानी पटना सबसे आगे है। इसके बाद सारण और नालंदा है। दूसरी ओर पश्चिम चंपारण, अररिया और किशनगंज सबसे पीछे हैं।
पावर सरप्लस स्टेट बनने की संभावना
बिहार इस साल पावर सरप्लस स्टेट बन जाएगा। इसकी पूरी संभावना जताई गई है। सूबे में खपत से ज्यादा बिजली का उत्पादन होगा। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.20 प्रतिशत सरप्लस बिजली होगी। फिलहाल 1.14 प्रतिशत बिजली की कमी है। आंकड़ों के मुताबिक सात वर्षों में सूबे का बिजली क्षेत्र काफी बदला है। 2012-13 में प्रति व्यक्ति 145 यूनिट था। इसके बाद 2019-20 में प्रति व्यक्ति 332 यूनिट हो गया। बिजली की मांग 2650 मेगावाट से बढ़कर 5900 मेगावाट हो गई है। 2015-16 में राजधानी पटना में 100 करोड़ से अधिक यूनिट की खपत थी। अब इतनी खपत वाले पांच और जिले हैं। इनमें मुजफ्फरपुर, नालंदा, रोहतास, सारण और भागलपुर शामिल हैं।