पटना : बिहार के मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह का कोरोना से निधन के बाद नए मुख्य सचिव के नाम की घोषणा कर दी गई है। राज्य सरकार ने त्रिपुरारी शरण को मुख्य सचिव बनाया है। यह राजस्व पर्षद के चेयरमैन थे। सामान्य प्रशासन विभाग ने सात आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया है। इनमें मुख्य जांच आयुक्त संजीव कुमार सिन्हा को राजस्व पर्षद के चेयरमैन की जिम्मेदारी दी गई है। आईएएस सुधीर कुमार को मुख्य जांच आयुक्त बनाया गया है। सुधीर 1988 मैच के आईएएस हैं। भागलपुर के कमिश्नर और 1989 बैच की आईएएस वंदना किनी को श्रम संसाधन विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। वंदना को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की भी जिम्मेदारी दी गई है। श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह को तिरहुल प्रमंडल का कमिश्नर बनाया गय है।
भागलपुर और मुजफ्फरपुर के कमिश्नर बदले
वित्त विभाग के सचिव प्रेम सिंह मीणा का भी ट्रांसफर हुआ है। सरकार ने इन्हें भागलपुर का कमिश्नर बनाया है। मुजफ्फरपुर के कमिश्नर मनीष कुमार को दरभंगा का कमिश्नर बनाया गया है। आईएएस मिहिर कुमार सिंह को मुजफ्फरपुर का कमिश्नर बनाया गया है।
भाजपा सांसद ने ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर उठाए सवाल
सूबे में कोरोना काल ने स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत बयां कर दी है। विपक्ष तो सरकार की आलोचनाएं कर ही रहा और अब सत्तापक्ष के साथी भाजपा के सांसद संजय जायसवाल ने सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठा दिए हैं। संजय जायसवाल ने कहा कि सूबे में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं चरमारा गईं हैं। हालत ऐसी है कि डॉक्टर फोन तक नहीं उठा रहे। वे भी असहाय हो गए हैं। मैंने कोरोना की दूसरी लहर में इतने सारे लोगों को खो दिया है। संजय ने आगे कहा कि हमने हाल में चंपारण में कोविड रोगियों को बचाने के लिए बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था की है। अब सुविधा बंद होने की स्थिति में पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि हमलोग बेतिया में 90 और बेड लगाने के प्रयास कर रहे हैं।
संजय के बयान पर राजद का पलटवार
भाजपा सांसद संजय जायसवाल द्वारा सूबे की बुनियाद सुविधाओं के चरमराने के बयान पर राजद प्रवक्ता ने पलटवार किया है। राजद प्रवक्ता मृत्युजंय तिवारी ने कहा कि कोरोना को लेकर संजय की जागरुकता वाली बात और अपील तब कहां थी, जब वह बंगाल में अपने शीर्ष नेताओं के साथ चुनावी रैलियां कर रहे थे। चुनावी सभाओं में कोरोना प्रोटोकॉल को तोड़ रहे थे।
सीएम नीतीश को बरगला रहा स्वास्थ्य विभाग : पप्पू
जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं पर चिंता जाहिर की है। पप्पू ने कहा कि यहां स्वास्थ्य सेवा नाम की कोई चीज ही नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तत्काल स्वास्थ्य विभाग के ऊपर से नीचे तक के अधिकारियों और कर्मचारियों को बर्खास्त करने की जरूरत है। इन लोगों ने मुख्यमंत्री को सिर्फ बरगलाया है। पूर्व सांसद ने कहा कि मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच और पटना के दीघा घाट का मैंने दौरा किया है। यहां लोगों को लाश जलाने में काफी फजीहत हो रही है। एसकेएमसीएच में इलाज तो दूर, न दवा और न वार्ड में साफ-सफाई है। पप्पू ने कहा कि सरकार को तुरंत एक टास्क फोर्स बनाने की जरूरत है। यह टास्क फोर्स यह तय करेगा कि किसको कोविड वार्ड में शिफ्ट करना है और किन मरीजों को सामान्य वार्ड में। साथ ही सरकार निजी अस्पतालों को रिटायर्ड जज और प्रशासनिक अधिकारियों के अधीन करने की जरूरत है।