पटना : बिहार में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और दूसरी तरह टीके की कमी पर दो हफ्ते से बवाल मचा है। टीके की कमी के कारण ही 18 से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण दो हफ्ते बाद शुरू हो रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि बिहार में टीके की कोई कमी नहीं है। लोगों को स्वास्थ्य केंद्रों पर भीड़ लगाने की जरूरत ही नहीं है। सबको कोरोना का टीका लगेगा। इस महीने में और 16 लाख डोज आएगी। हर दो दिन पर पटना में टीके की डोज पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि शनिवार को 3.5 लाख डोज आई है। अगले 20 दिनों में 16 लाख डोज आएगी। इस हिसाब से 19.5 लाख डोज मई में बिहार को मिलेगी। मंत्री ने बताया कि रविवार से 18 से 44 उम्र वालों का टीकाकरण शुरू हो चुका है। 2526 टीकाकरण केंद्रों पर टीका लगाया जा रहा है। राजधानी पटना में ही 14 केंद्रों पर कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। भागलपुर, पूर्णिया, जमुई, गया, मधुबनी, रक्सौल, मोतिहारी समेत सभी जिलों में टीकाकरण चल रहा है।
सीरम इंस्टीटयूट किस्तों में दे रहा टीका
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बिहार सरकार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SSI) किस्तों में कोरोना का टीका दे रहा है। वे लोग किस्तों में ही पूरा ऑर्डर पूरा करेंगे। सूबे में 18 से अधिक उम्र वालों की आबादी 5.46 करोड़ है। लिहाजा, सीरम इंस्टीट्यूट को सरकार और नए ऑर्डर देगी। मंत्री ने कहा कि फिलहाल कोवीशिल्ड ही आ रही है। भविष्य में कोवैक्सीन भी आएगी।
ऑसीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल पहुंच रहे मरीज
यहां एसकेएमसीएच में कोरोना के मरीज ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर ही पहुंच रहे हैं। इसका कारण है कि गंभीर मरीज बिना ऑक्सीजन सिलेंडर लिए आते हैं तो उन्हें भर्ती ही नहीं लिया जाता है। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर मरीज को दूसरे अस्पताल चले जाने के लिए भी कह दिया जाता है। बैरिया के संतोष कुमार की तबियत बिगड़ी तो डॉक्टरों ने उन्हें एसकेएमसीएच में भर्ती होने के लिए कहा। शुक्रवार की रात रात 12 बजे एसकेएमसीएच के कंट्रोल रूम में परिजनों ने फोन किया तो वहां से बताया कि आपके पास ऑक्सीजन सिलेंडर है, तभी आइए। क्योंकि यहां ऑक्सीजन का फ्लो कम रहता है। अगर, ऑक्सीजन लेवल कम रहा तो परेशानी हो जाएगी।
जिला प्रशासन का दावा-सबसे ज्यादा सप्लाई
एसकेएमसीच में मरीजों द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आने की बात पर जिला प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में सबसे अधिक ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। यहां हर दिन 350 से 400 सिलेंडर दिए जा रहे हैं। जबकि अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति सुधरी है, लेकिन जरूरत के अनुरूप कम की सप्लाई है। यहां हर दिन 500 सिलेंडर की डिमांड है।
एक ही वेंटिलेटर चल रहा
अस्पताल में वेंटिलेटर की भी सुविधा नहीं है। पिछले 10 दिनों से एक ही वेंटिलेटर से काम चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि वेंटीलेटर चलाने के लिए ऑक्सीजन की खपत अधिक होती है और हमेशा फ्लो अधिक चाहिए, जो अस्पताल में फिलहाल संभव नहीं है। यही कारण है कि वेंटिलेंटर का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा।
बिहार में 15 जगहों पर लगेगा ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सूबे में 15 जगहों पर ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए जाएंगे। इनमें रोहतास के डेहरी ऑनसोन, वैशाली के महुआ, नवादा के रजौली, पश्विम चंपारण के नरकटियागंज, सीवान के महाराजगंज, मधुबनी के जयनगर, भोजपुर के जगदीशपुर, बक्सर के डुमरांव, पटना के मसौढ़ी, समस्तीपुर के पटौरी, पूर्णिया के बनमनखी, अररिया के फारबिसगंज, सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर, बेगूसराय के बलिया, भागलपुर के कहलगांव मं ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगेगा।