देश में वैक्सीन व टीकाकरण (Vaccination in India) की स्थिति पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल (Dr VK Paul, Member NITI Aayog) का कहना है कि हम एक दिन में 1 करोड़ खुराक देने की तैयारी कर रहे हैं। आने वाले कुछ हफ्तों में यह संभव हो जाएगा, हमें इसके लिए तैयारी करनी होगी। हमने पहले भी एक दिन में 43 लाख वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराईं हैं। उन्होंने कहा कि हमें इसे अगले 3 हफ्तों में 73 लाख तक लाना होगा। हालांकि इसे हासिल करने के लिए हमें एक प्रणाली बनानी होगी। पाॅल ने कहा कि कोरोना के खिलाफ (Fight Against Coronavirus) इस जंग में व्यक्तिगत बिहेवियर पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है।
भारत में कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine in India) की वर्तमान स्थिति के बारे में डॉ. वीके पॉल (Dr VK Paul) ने कहा कि कल तक हमने 20 करोड़ वैक्सीन की डोजें लगाईं हैं। टीकाकरण का यह कार्यक्रम अपनी गति से आगे बढ़ रहा है। राज्यों को यह मालूम है कि हमारी वैक्सीन उत्पादन क्षमता कितनी है, उसको ध्यान में रखते हुए वैक्सीन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की आपूर्ति बंद हो गई है, यह कहना सही नहीं है। सच्चाई यह है कि वैक्सीन के उपलब्ध उत्पादन में से राज्य सरकार सहित गैर सरकारी चैनलों को एक अलग हिस्सा उपलब्ध है, जिसका उपयोग राज्य सरकार द्वारा लचीले दृष्टिकोण के अनुसार लोगों को टीकाकरण के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा शेष 50 फीसदी के लिए एक विशेष चैनल बनाया गया है, जहां राज्य सरकारें और निजी क्षेत्र टीके खरीद और आपूर्ति कर सकते हैं। जब राज्यों ने कहा कि वे लचीलापन चाहते हैं और टीके की खरीद में भागीदारी की बात कही तो एक नई प्रणाली लाई गई, जिसमें केंद्र सरकार घरेलू स्तर पर उत्पादित 50 फीसदी टीकों की खरीद करेगा, वहीं राज्यों के लिए 45 वर्ष से ज्यादा समूह के लिए वैक्सीन मुफ्त है।
फाइजर वैक्सीन के लिए भी जल्द कोई समाधान निकालेंगे
फाइजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine) पर वी के पॉल (Dr VK Paul) ने कहा, हम कंपनी के संपर्क में हैं, केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में लगातार फैसले लिए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। उनकी चिंताओं का समाधान किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें औपचारिक रूप से आवेदन करना होगा। हम जल्द ही कोई समाधान निकालेंगे। हम लोग एक टीम की तरह काम कर रहे हैं, फाइजर की भारत में उपस्थिति काफी समय से है। वैक्सीन सीमित मात्रा में उपलब्ध उत्पाद है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपने देश को भी वैक्सीन देती हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां वैक्सीन उपलब्ध करवाती हैं। कंपनियां एक संतुलित तरीके से इसके वितरण को निर्धारित करती हैं।
बच्चों के लिए कोवैक्सीन पर भी चल रहा काम
जब कोई दवा या वैक्सीन की खोज की जाती है, तो आमतौर पर इसे पहले वयस्क आबादी में दिया जाता है, क्योंकि आप बच्चों को जोखिम में नहीं डालना चाहते। फाइजर के वैक्सीन को लाइसेंस्ड किया जा चुका है कि इसे बच्चों को देना शुरू किया जा सकता है, 1-2 देश अब ऐसा करना शुरू कर देंगे। डब्ल्यूएचओ (WHO) ने अभी तक बाल चिकित्सा आबादी को सामान्य रूप से कवर करने के लिए कोई सिफारिश नहीं दी है, क्योंकि बाल चिकित्सा आबादी में कोई भी बीमारी बहुत हल्की होती है। बच्चों को वैक्सीन दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन (Covaxin) की अनुमति मिल गई है, वे बाल चिकित्सा परीक्षण शुरू करेंगे, मुझे लगता है कि वे व्यवस्थित तरीके से 2 साल की उम्र तक जा रहे हैं। मुझे बताया गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया नोवावैक्स का बाल चिकित्सा परीक्षण शुरू करना चाहता है।
चाहें तो मिलकर तीसरी लहर को आने से रोक सकते हैं
भारत में तीसरी लहर (Corona Third Wave in India) की तैयारी पर वीके पॉल (Dr VK Paul) ने कहा कि वायरस वापस आ सकता है। यह म्यूटेशन के जरिये वापिस आकर फिर से संक्रमित कर सकता है। ऐसे में हमें कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर और सोशल मीडिया गाइडलाइन्स का पालन करना चाहिए। हम अगर मिलकर यह फैसला लेते हैं कि हमें तीसरी लहर नहीं लानी है, तो बतौर देश, बतौर राज्य, बतौर राज्य और बतौर नागरिक यह संभव है। अगर हम अपना अनुशासन रखते हैं और कंटेनमेंट जोन को फॉलो करते हुए टेस्टिंग के कार्यक्रम जारी रखते हैं, हम हमने आप को तीसरी लहर से बचा सकते हैं।