पटना : लोक जन शक्ति पार्टी (लोजपा) की आंतरिक लड़ाई के बीच चिराग पासवान ने इमोशनल कार्ड खेला है। चिराग ने रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में सभी सदस्यों को संविधान की शपथ दिलाई। साथ ही सदस्यों को इस बात की भी शपथ दिलाई की वे हर हाल में पार्टी को सुरक्षित रखेंगे। ऐसा माना जा रहा है क बैठक का उद्देश्य यह संदेश देना था कि पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता चिराग पासवान के साथ हैं। चिराग के घर के बाहर दर्जनों पोस्टर और बैनर लगे थे, जिस पर लिखा था- हम चिराग के साथ हैं। इस दौरान चिराग ने घोषणा की कि वह अपने पिता रामविलास पासवान की जयंती पर 5 जुलाई को हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे। चिराग ने कहा कि वह अनाथ हैं और अब उन्हें जनता ही अपना आशीर्वाद देगी। बता दें रामविलास पासवान ने अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत हाजीपुर से ही थी और पहले चुनाव में ही अपने प्रतिद्वंद्वी को सवा लाख वोटों से हराया था। यह हाजीपुर उनके चाचा पशुपति पारस का मौजूदा संसदीय क्षेत्र भी है।
चाचा पशुपति पर लगाया जनता को गुमराह करने का आरोप
चिराग पासवान ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपने चाचा और बागी पशुपति पारस पासवान पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पशुपति ने ही उनके पीठ में छोड़ा घोंपा है और वो भी असंवैधानिक रूप से। बता दें पशुपति पारस पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मिलकर लोकसभा में संसदीय दल का नेता खुद को नियुक्त करने की मांग कर चुके हैं। इसे स्पीकर ने भी मान लिया है। फिर शनिवार को चिराग पासवान ने स्पीकर से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था।
पिता रामविलास को भारत रत्न दिए जाने की मांग
लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रामविलास पासवान को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठी। कार्यकारिणी सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया और भारत सरकार से रामविलास को भारत रत्न दिए जाने की मांग की। चिराग पासवान के नेतृत्व में इस पर मांग पर सहमति बनी।