पटना : अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को अमृतसार पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि अगर इस चुनाव में आप जीतती है तो सिख ही पंजाब का मुख्यमंत्री बनेगा। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने अरविंद केजरीवाल का जमकर विरोध किया। शेरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए तो कांग्रेसियों ने गो बैक के नारे लगाए। दरअसल, अरविंद केजरीवाल एक कार्यक्रम में यहां पहुंचे थे। इस दौरान पंजाब के पूर्व आईजी कुंवर विजय प्रताप ने आप की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद एक प्रेस कांफ्रेंस हुआ, जिसमें अरविंद केजरीवाल ने अगले चुनाव में आप की जीत पर सीख समाज से ही मुख्यमंत्री बनाने को ऐलान कर दिया। केजरीवाल ने कहा कि यह दुनिया भर के सिखों का हक है। इधर, शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि वे केजरीवाल के मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे। केजरीवाल का रवैया हमेशा से सिख विरोधी रहा है।
कुंवर विजय प्रताप सिंह का परिचय
पंजाब के पूर्व आईजी और आप के नवनियुक्त सदस्य कुंवर विजय प्रताप सिंह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे 2015 में कोटपूरा में हुए पुलिस गोलीकांड की जांच कर रही एसआईटी के सदस्य थे। वे पवित्र ग्रंथ की बेअदबी मामले की भी जांच कर चुके हैं। एसआईटी की जांच रिपोर्ट को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद विजय प्रताप ने वीआरएस ले लिया था। तब से उनके राजनीति में आने की चर्चाएं थीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में ही कुंवर को आप में शामिल करने की कोशिश हुई थी पर कुंवर के मार्गदर्शक माने वाली एक पूर्व मंत्री ने उन्हें रोका था। हालांकि कुंवर तब से आप के संपर्क में बने हुए थे। ऐसा माना जा रहा है कि कुंवर नॉर्थ या सेंट्रल हलके से चुनाव लड़ सकते हैं। कुंवर का 2008 में एसएसपी पद से नॉर्थ हलका से भाजपा नेता अनिल जोशी ने ट्रांसफर कराया था। तब से कुंवर और अनिल जोशी में ठनी हुई है।