पटना : देश को जल्द सबसे घातक राफेल मिलने वाला है। जनवरी में फ्रांस में इसकी डिलीवरी करेगा। फ्रांस हर तीन महीनों पर भारत को राफेल की डिलीवरी कर रहा है। फिलहाल अंबाला एयरबेस में 26 राफेल हैं। दिसंबर तक 9 और राफेल आ जाएगा। इसके बाद जनवरी में अब तक का सबसे घातक राफेल आएगा। भारत ने 36वें राफेल को अडवांस बनवाया है। गौरतलब है कि राफेल को हैमर एयर टू ग्राउंड, एससीएएलपी जमीनी हमले में सक्षम बनाया गया है। 36वें राफेल में अधिक ऊंचाई और अधिक सटीकता के साथ अधिक रेंज वाले उल्कापिंड मिसाइलों को लांच करने में सक्षम है। सबसे घातक राफेल इजरायली मूल की कुछ टेक्नोलॉजी के साथ बन रहा है। इसमें अधिक शक्तिशाली रेडियो अल्टीमीटर, रडार चेतावनी रिसीवर, कम बैंड जैमर, उड़ान डेटा रिकॉर्डर, उच्च ऊंचाई वाले इंजन स्टार्टअप, सिंथेटिक एपर्चर रडार, ग्राउंड मूविंग टारगेट इंडिकेटर, इंफ्रा-रेड सर्च एंड ट्रैक, हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले, मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम और बहुत हाई-फ्रीक्वेंसी रेंज डिकॉय में निपुण होगा।
राफेल समुद्री लड़ाकू विमान के विकल्प की तलाश
अगस्त 2022 में राफेल समुद्री लड़ाकू विमान लांच हो वाला है। भारतीय नौसेना अपने आईएनएस विक्रांत के लिए राफेल-समुद्री लड़ाकू विमान को विकल्प के तौर पर जांच कर रही है। वायु सेना को राफेल की बढ़ी क्षमता के कारण अपने लड़ाकू स्क्वाड्रन की ताकत को युक्तिसंगत बनाना है। जानकारों के मुताबिक राफेल का एक स्क्वाड्रन टर्नअराउंड और रख-रखाव के मामले में रूसी Su-30 MKI के 2.5 स्क्वाड्रन के बराबर है।