पटना। कांग्रेस पार्टी न तो नेशनल लेवल पर कुछ खास कर पा रही है और न ही राज्यों में। हालिया चुनाव हुए पश्चिम बंगाल में भी पार्टी शुरू से ही अगल-थलग रही, मानो जैसे उसे बंगाल की सत्ता से कोई मतलब ही नहीं। बिहार में भी नेशनल पार्टी की स्थिति कोई अच्छी नहीं। हालांकि राज्य के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को हटाकर किसी नए चेहरे को कमान देने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इस कड़ी में एक नाम ऐसा है जो तेजी से आगे आया है, वो है पूर्व लोकसभा अध्यक्ष व जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार की।
बता दें कि बिहार कांग्रेस में बदलाव का इंतजार लंबे समय से हो रहा है। राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की जगह किसी नए चेहरे को जिम्मेदारी दिए जाने की अटकलें लग रही है। पिछले महीने तो ऐसा लगा कि जैसे किसी भी वक्त नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो जाएगी, पर कोई विकल्प नहीं मिल पाया है। हालांकि कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने आलाकमान को जो नाम सुझाया वह पार्टी के विधायक राजेश राम का है।
हालांकि अब चर्चा हो रही है कि कांग्रेस बिहार में दलित कार्ड खेलने की तैयारी में है। भक्त चरण दास ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए राजेश राम का नाम अकेले आगे कर उनकी दावेदारी कमजोर कर डाली है। अब तक कांग्रेस में ऐसी परंपरा नहीं रही है कि प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों के लिस्ट में केवल एक नाम की पेशकश आलाकमान से करें। भक्त चरण दास ने इस परंपरा को तोड़ते हुए राजेश राम का नाम आगे कर दिया और पूरा मामला फंस गया।
खबर है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के लिए बिहार से जो नाम आगे चल रहे हैं, उनमें अचानक से एक नाम तेजी के साथ ऊपर आया है। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और सांसद रह चुकीं मीरा कुमार को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। उनके साथ पाॅजिटिव बात यह है कि मीरा कुमार का बैकग्राउंड काफी मजबूत रहा है। वह दलित तबके से आती हैं और साथ ही साथ महिला भी हैं।