पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में ही अपराधियों में कानून का खौफ नहीं है। नालंदा में बिजली कर्मचारी के बेटे को अगवा कर परिवार से 50 लाख रुपए की मांग की गई। रकम नहीं मिलने पर युवक को जिंदा जला दिया गया और फिर लाश को नदी में बह दिया गया। बिहार थानाक्षेत्र के मुसादपुर-अस्पताल चौक निवासी व बिजली कर्मचारी उर्मिला देवी के बेटे नीतीश कुमार का अपहरण 16 अक्टूबर को किया गया था। पुलिस का कहना है कि फिरौती की रकम 50 लाख नहीं मिलने पर उसी दिन युवक की हत्या कर दी गई है। बचे अवशेष को नदी में बहा दिया गया है। पुलिस ने बताया कि युवक को जिंदा जलाए जाने का अवशेष सोहसराय थानाक्षेत्र के आशानगर मोहल्ला स्थित एक निजी स्कूल परिवार में मिला है। स्कूल का संचालक और मृत नीतीश आपस में ममेरे-फुफेरे भाई थे। पुलिस के अनुसार नीतीश की हत्या का मुख्य आरोपी उसका ममेरा भाई ही है। हत्या का कारण पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है। पुलिस ने छानबीन के डॉग स्क्वॉयड टीम को बुलाया है। पुलिस ने दावा किया है कि हत्या से जुड़े उसे कई साक्ष्य मिले हैं। मामले में पुलिस ने मदर टेरेसा मिडिल स्कूल के संचालक दीपक कुमार, स्कूल के गार्ड इंद्रजीत समेत कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने फोन करके नीतीश को बुलाया था
सदर डीएसपी डॉ. शिब्ली नोमानी ने बताया कि आरोपियों ने 16 अक्टूबर को फोन करके नीतीश को बुलाया था। फिर गला दबाकर नीतीश की हत्या कर दी। शव को जलाया और बचे अवशेष को नदी में बहा दिया। स्कूल परिसर में शव जलाए जाने से संबंधित अवशेष मिले हैं। स्कूल के गार्ड इंद्रजीत को पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसका उसने सारा भेज खोला। गार्ड इंद्रजीत की निशानदेही पर ही पुलिस पूरी तैयारी के साथ स्कूल परिसर में पहुंची और मामला उजागर हो गया। यहां नीतीश की साइकिल मिली। 10 लीटर पेट्रोल मिला है। जला हुआ बोरा और लकड़ी के टुकड़े भी मिले हें।
पति के बाद इकलौता बेटे का सहारा भी छिन गया
बिजली कर्मचारी उर्मिली देवी के पति का निधन काफी पहले हो चुका है। पति भुवनेश्वर प्रसाद के निधन के बाद उन्होंने अपने इकलौते बेटे नीतीश को बड़े लाड़-प्यार से पाला था। नीतीश की मौत की खबर मिलने के बाद से उर्मिला बदहवास है। उन्हें अब भी उम्मीद है कि उनका बेटा जिंदा है और शायद कहीं से उनके पास वापस आ जाएगा। परिवार के अन्य लोग उर्मिला का ढांढस बंधा रहे हैं।