पटना : बिहार सरकार के सबसे बड़े अधिकारी को मुख्यमंत्री के मंच पर ही जगह नहीं मिली। अधिकारी एक कार्यक्रम के दौरान कुर्सी नहीं मिलने पर मंच पर टहलते रहे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और कई बड़े मंत्री मौजूद थे। सभी अपनी-अपनी कुर्सी पर बैठे रहे, लेकिन सूबे के मुख्य सचिव के लिए एक कुर्सी तक नहीं लगी थी। रबी अभियान की शुरुआत के लिए शनिवार को सचिवालय में एक कार्यक्रम आयोजित था। इसमें मंच पर मुख्य सचिव को जगह नहीं मिली और मंच के आसपास टहलते रहे। ऊपर मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार और अन्य लोग थे। दूसरी ओर मंच पर कुर्सी नहीं मिलने पर सूबे के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण मंच के इर्द-गिर्द पूरे कार्यक्रम के दौरान घूमते रहे।
रबी फसल की बुआई का लक्ष्य निर्धारित
बिहार सरकार ने रबी अभियान की शुरुआत की है। इस सत्र में सरकार ने 45.10 लाख हेक्टेयर में बुआई और 153.35 लाख मीट्रिक टन अनाज उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। गेहूं की बुआई 23 लाख हेक्टेयर में होगी। इसके उत्पाइन का लक्ष्य 72 लाख मीट्रिक टन निर्धारित है। कृषि विभाग प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 13 जिलों के किसानों को अनुदान देने की योजना बना रही है।
13 जिलों के किसानों को मिल रहा अनुदान
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जैविक कोरिडोर योजना के तहत सूबे के 13 जिलों के किसानों को 11500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान दिया जा रहा है। अधिकतम अनुदान ढाई एकड़ है। बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी द्वारा मुफ्त में जैविक प्रमाणन की व्यवस्था की गई है। वर्ष 2020-21 में इस एजेंसी के जरिए राज्य के 22 हजार किसानों द्वारा किए जा रहे जैविक खेती का जैविक प्रमाणीकरण के रूप में पहले साल में 20059 एकड़ के लिए प्रमाण-पत्र दिया जा रहा है।