पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) का शिलान्यास कर दिया। यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसके निर्माण में 29 हजार 650 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे। बता दें कि यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। हालांकि इस एयरपोर्ट के बहाने मोदी ने यूपी चुनाव पर दांव खेला है और भाजपा को लगता है कि इससे सीधे सीधे पार्टी को फायदा मिलने वाला है।
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में 29 हजार 650 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पहली फ्लाइट यहां से सितंबर 2024 में उड़ेगी। जेवर एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। हालांकि पहले चरण में इसका निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर होगा। फर्स्ट फेज में यहां दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे। बाद में यहां कुल पांच रनवे बनेंगे। जब जेवर एयरपोर्ट अपने पूरे क्षेत्रफल पर विकसित होगा, तब फ्लोरिडा के ऑरलैंडो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को पछाड़कर दुनिया के चौथे बड़े हवाई अड्डे की सूची में अपना स्थान बना चुका होगा। हालांकि, यह 2030 तक दिल्ली जैसा अंतरराष्ट्रीय आकार ले पाएगा।
पहले साल करीब 40 लाख यात्रियों की आवाजाही रहेगी। 2025-26 में यात्रियों की संख्या 70 लाख तक हो सकती है। साल-दर-साल संख्या दोगुने के हिसाब से बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। 2044 तक यात्रियों की संख्या करीब 8 करोड़ होने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक यहां एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे। एयर ट्रैफिक बढ़ने पर इससे अधिक रनवे बनाए जा सकते हैं। घरेलू उड़ानों में 40 फीसदी मांग मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद व चेन्नई जैसी मेट्रो सिटी में आने-जाने वाले यात्रियों की है। इसलिए जेवर एयरपोर्ट से शुरुआत में 8 घरेलू उड़ानें शुरू की जाएंगी।
यह एयरपोर्ट चार एक्सप्रेसवे, मेट्रो, बुलेट ट्रेन व पॉड टैक्सी से जुड़ा होगा। इसकी सबसे खास बात यह है कि मेट्रो और बुलेट ट्रेन का स्टेशन एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग में बनेगा, जिसमें हवाई सफर करने वाले यात्रियों के लिए हर सुविधा का ख्याल रखा गया है।