दवाओं पर अब आपको बहुत खर्च करने की जरूरत नहीं है। जी हां, कैंसर, शुगर, फीवर सहित कई बीमारियों में काम आने वाली दवाओं की कीमतों में 40 फीसदी तक कमी की गई है। बड़ी बात यह कि एक साल में यह पांचवीं बार है जब दवाओं की कीमत कम की गई हैं। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने 119 दवाओं की सीमा तय कर दी है। कोरोना में इस्तेमाल की जाने वाली पैरासीटामॉल और एमोक्सीसिलिन दवाएं सस्ती हुई हैं।
बता दें कि साल में यह 5वीं बार है, जब दवाओं की कीमत घटी है। इसके चलते कैंसर, डायबिटीज, फीवर, हेपेटाइटिस सहित कई गंभीर बीमारियों की दवाओं की कीमतों में 40 फीसदी तक कमी आएगी। कैंसर की दवा में सबसे ज्यादा 40 फीसदी तक की कमी की गई है। आने वाले समय में एनएलईएम में शामिल कुछ और दवाओं की अधिकतम कीमतें कम की जाएंगी।
Paracetamol और Amoxycillin जैसी दवाओं की कीमत अब कम होगी। नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) समीक्षा के बाद दवाओं के कीमत पर फैसला लिया है। NPPA ने 127 दवाओं के कीमत की सीमा तय की है। इनमें Paracetamol, Amoxycillin, Rabeprazole जैसी दवाएं शामिल हैं।
नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी की बैठक में इस सूची में शामिल 119 तरह के फार्मूलेशन वाली दवाओं की अधिकतम कीमत प्रति टेबलेट-कैप्सूल तय की गई है। बंगाल कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (BCDA) के सचिव सजल गांगुली ने मीडिया को बताया कि नए प्राइस टैग जनवरी के अंत तक आएंगे। उन्होंने कहा, ‘आमतौर पर नई कीमतों के साथ दवाओं को बाजार में आने में एक महीने का समय लगता है। हमें अगले महीने के अंत तक नया स्टॉक मिल जाना चाहिए।’
अभी Paracetamol (650 एमजी) 2.3 रुपए प्रति टैबलेट की दर से बिक रही है। अब इसकी कीमत 25 फीसदी कम की गई है। यानि अबParacetamol की कीमत 1.8 रुपए प्रति टैबलेट तय की गई है। साथ ही Amoxycillin और Potassium Clavulanate की कीमत 22.3 रुपए प्रति टैबलेट से कम होकर 16.8 रुपए प्रति टैबलेट तय हुई है। 400 एमजी Moxifloxacin 31.5 रुपये प्रति टैबलेट से कम होकर 22.8 रुपये प्रति टैबलेट पर आ गई है।
एनपीपीए की ओर से जिन मुख्य दवाओं की कीमतों में कमी गई है उसमें बुखार की दवा पैरासिटामोल, खून में यूरिक एसिड कम करने वाली दवा, मलेरिया, अलग-अलग बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली एंटीबॉयोटिक्स शामिल हैं। इसके अलावा मेनिन्जाइटिस, लिवर, शुगर, मेनोपॉज, खून पतला करने वाली और कैंसर के ट्यूमर के बढ़ने की रफ्तार घटाने वाली दवाओं की अधिकतम कीमत तय की गई हैं।