शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल न जाने वाले बच्चों पर डेटा संकलित करने के लिए एक ऑनलाइन मॉड्यूल लॉन्च किया। इसके माध्यम से शिक्षा मंत्रालय 6-14 वर्ष के आयु वर्ग के सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों के बच्चों को उपयुक्त प्रवेश की सुविधा प्रदान करेंगे। जबकि 16-18 वर्ष आयु वर्ग के स्कूली बच्चों को ओपन/डिस्टेंस लर्निंग मोड के माध्यम से उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए इस साल 2021-22 में पहली बार वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रबंध पोर्टल पर मॉड्यूल किया गया है विकसित
ऐसे बच्चों का पता लगाने के लिए मंत्रालय ने प्रत्येक राज्य / केंद्र शासित प्रदेश द्वारा चिन्हित, स्कूल न जाने वाले बच्चों के डेटा को संकलित करने और विशेष प्रशिक्षण केंद्रों (एसटीसी) के साथ उनकी मैपिंग के लिए ‘प्रबंध पोर्टल’ पर एक ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया है। स्कूल न जाने वाले प्रत्येक बच्चे की जानकारी, ब्लॉक सोर्स कोऑर्डिनेटर की देखरेख में एसटीसी द्वारा ब्लॉक स्तर पर अपलोड की जाएगी।
राज्यों को पत्र जारी, जिला अधिकारी देंगे मान्यता
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा सभी राज्यों को एक पत्र जारी किया गया है, जिसके अनुसार ब्लॉक रिसोर्स सेंटर के ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर द्वारा बच्चों का डाटा ब्लॉक लेवल पर अपलोड किया जाएगा और फिर उस डाटा को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अथवा डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा चिन्हित अधिकारी से सत्यापित करवाने के बाद प्रबंध पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
हर छात्र का ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा, ‘भारत के हर छात्र का ख्याल रखना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी क्रम में, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने प्रत्येक राज्य / केंद्र शासित प्रदेश द्वारा पहचाने गए स्कूल न जाने वाले बच्चों के डेटा को संकलित करने के लिए एक ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया और PRABANDH पोर्टल पर विशेष प्रशिक्षण केंद्रों के साथ एकीकृत किया है’। उन्होंने आगे जोड़ा,“स्कूल न जाने वाले चिह्नित बच्चों और एसटीसी की जानकारी ब्लॉक संसाधन समन्वयक के तहत ब्लॉक स्तर पर अपलोड की जाएगी। पोर्टल पर हर तिमाही में प्रगति रिपोर्ट और उपयोगकर्ता बुक भी साझा की जाएगी है”। अंत में उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विजन को पूरा करने के लिए हर तरह से प्रतिबद्ध हैं और यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करेंगे कि देश का कोई भी बच्चा शिक्षा व्यवस्था से बाहर ना हो।”