पटना : कश्मीर में सुरक्षा बलों के लिए अब नई चुनौती सामने आई है। यह चुनौती हैं हाईब्रिड आतंकवादी। इन हाईब्रिड आतंकवादियों की वजह से सुरक्षा बलों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक हाईब्रिड आतंकवादी पेशेवर आतंकवादी नहीं होते। इस कारण इनके बारे में सुरक्षा बलों के पास जानकारी नहीं होती है। हाईब्रिड आतंकवादी कट्टरपंथी होते हैं और वारदात को अंजाम देकर वापस अपने नियमित जीवन में काम करने लगते हैं। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों और अधिकारियों ने कहा है कि पिछले कुछ सप्ताह में श्रीनगर शहर समेत घाटी में सॉफ्ट टारगेट पर हमलों में तेजी आई है। इन घटनाओं को उन युवाओं ने अंजाम दिया है, जो सुरक्षा बलों के पास आतंकवादियों की सूची में नहीं हैं। सुरक्षा बलों के लिए चुनौती है इन अंशकालिक आतंकियों को ट्रैक करना।
हाईब्रिड आतंकियों के पीछे पाक और आईएसआई का हाथ
भारतीय सुरक्षा बल के अधिकारियों ने कहा कि हाईब्रिड आतंकियों के पीछे पाकिस्तान और उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई का हाथ है। इनके इशारे का कट्टरपंथी युवा इंतजार करते रहते हैं और आदेश आते ही घटना को अंजाम देते हैं। फिर वापस अपने दैनिक जीवन में मस्त हो जाते हैं।
श्रीनगर में ड्रोन बैन, प्रशासन को जमा करने का आदेश
जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में ड्रोन से हुए आतंकी हमले के बाद यहां ड्रोन को बैन कर दिया गया है। ड्रोन की खरीद-ब्रिकी पर पूरी तरह से पाबंदी है। साथ ही जिन लोगों के पास पहले से ड्रोन हैं, उन्हें जल्द प्रशासन के पास जमा करने के लिए कहा गया है। डीएम मो. ऐजाज ने इस संबंधित आदेश तीन जुलाई को जारी किया है। डीएम ने अपने आदेश में बताया कि जिन भी लोगों के पास ड्रोन कैमरा या हवाई संबंधी कोई यंत्र हैं, वे उसे अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जमा करा दें। डीएम ने कहा कि श्रीनगर में सुरक्षा कारणों के चलते ड्रोन रखने और बेचने और इस्तेमाल पर रोक लगा है। कृषि, पर्यावरण संरक्षण और आपदा न्यूनीकरण क्षेत्रों में सर्वेक्षण और निगरानी गतिविधियों के लिए ड्रोन का उपयोग करने वाले सरकारी विभागों को स्थानीय पुलिस स्टेशन से ड्रोन के इस्तेमाल के लिए मंजूरी लेने होगी। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले पर कानूनी कार्रवाई होगी।