नई दिल्ली। कहानी सिर्फ फिल्मों में ही नहीं होती, असल लाइफ में भी होती है। हमारी लाइफ में भी कोई अच्छा होता है तो कोई जालिम। कोई बेइंतिहां प्यार करने वाला होता है, तो कोई प्रेमिका के टुकड़े-टुकड़े काटकर कुत्तों को खिलाने वाला भी। हमारा समाज ऐसे ही अच्छे-बुरे लोगों से भरा पड़ा है। दिल्ली का आफताब अमीन पूनावाला ऐसा ही जालिम, बेरहम, शातिर जाने क्या-क्या नाम बोलें, जिसने ऐसी घिनौनी हरकत की है कि लोग अब उसका नाम लेने से भी डरने लगे हैं। लिव-इन में रह रहीं अपनी प्रेमिका श्रद्धा वाॅकर को बाथरूम में ले जाकर 35 में टुकड़ों में रातभर काटता रहा, थक गया तो खाना खाया और बीयर भी पिया। उससे भी मन नहीं भरा तो नेटफ्लिक्स पर वेबसीरीज देखकर सो गया।
श्रद्धा वॉकर मर्डर केस में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला अब भी पुलिस को लगातार गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। आफताब के झूठ लगातार सामने आ रहे हैं। उसने इस शातिराना तरीके से हत्या की है कि पुलिस के लिए अदालत में इस हत्या को साबित करना बड़ी चुनौती है। पुलिस के मुताबिक उसे श्रद्धा को मारने का अफसोस नहीं है। वह लॉकअप में चैन से सो रहा है। साकेत कोर्ट ने उसकी रिमांड 5 दिन बढ़ा दी है, यानी वह कुछ दिन और लॉकअप में ही रहेगा। उसके खिलाफ पूरे देशभर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। हर कोई आफताब को फांसी की सजा देने की मांग कर रहा है।
आफताब पूनावाला का होगा नार्को टेस्ट
आफताब ने पुलिस को ये भी बताया है कि उसे भी शक था कि श्रद्धा किसी और लड़के के संपर्क में है। दोनों में बार-बार किसी ना किसी बात को लेकर झगड़ा और मारपीट होती थी, लेकिन फिर दोनों एक दूसरे को साथ निभाने का भरोसा देकर साथ रहते थे।
बता दें कि मुंबई के वसई की पुलिस भी हैरान है कि उसे पूछताछ के दौरान आफताब पर जरा भी शक नहीं हुआ था, लिहाजा उसे जाने दिया। श्रद्धा के दोस्तों, परिवार और पुलिस सूत्रों से बात करके आफताब की एक ऐसे डीसेंट बॉय की छवि बनती है, जिसके कातिल होने का शक शायद ही किसी को होता। इस हत्याकांड की कड़ियां मुंबई से लेकर दिल्ली तक बिखरी हैं और उन्हें जोड़ना आसान काम नहीं है।
पुलिस की मानें तो आफताब ने पहले मार्च में भी श्रद्धा को मारने का सोचा था, लेकिन फिर उसकी भोली सूरत देखकर इरादा टाल दिया। उसे पकड़े जाने का डर भी था। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि दिल्ली में आकर रहने से पहले श्रद्धा और आफताब हिमाचल प्रदेश के कसौल गए थे और यहां भी होटल के भीतर उनका झगड़ा हुआ था। श्रद्धा आफताब के कमरे के बाहर जाकर किसी और लड़की से बात करने को लेकर नाराज थी।
श्रद्धा वाॅकर की बाॅडी के कुछ टुकड़े कुत्ते को भी खिला दिया था
पुलिस पूछताछ में आफताब ने ये भी बताया है कि हिमाचल में घूमने के दौरान उनकी बद्री नाम के एक लड़के से मुलाकात हुई थी, जो दिल्ली के छतरपुर में रहता था। बद्री ने ही इनकी मदद दिल्ली में घर लेने में की थी। पुलिस इस बद्री को भी तलाश कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफताब ने बताया है कि डेटिंग एप्स और सोशल सर्किल के जरिए उसकी मुलाकात कई हिंदू लड़कियों से हुई, जिनसे उसने संबंध बनाए।
श्रद्धा की हत्या 18 मई की रात दस बजे के करीब कर दी गई थी, लेकिन उसका मोबाइल फोन 26 मई को बंद किया था। पुलिस के मुताबिक 22 से 26 मई के बीच आफताब ने श्रद्धा के अकाउंट से अपने अकाउंट में 54 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। आखिरी बार जब श्रद्धा का मोबाइल बंद हुआ, तो उसकी लोकेशन दिल्ली में छतरपुर ही थी।
ऐसे पुलिस के जाल में फंसा आफताब
आफताब और श्रद्धा को उम्मीद थी कि दिल्ली शिफ्ट होने के बाद उनके झगड़े बंद हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पुलिस के मुताबिक आफताब एक रात श्रद्धा से झगड़े के बाद रात में बाहर निकला और टहलते हुए महरौली के जंगल में चला गया। यहां उसे ख्याल आया कि शव को यहां आसानी से छुपाया जा सकता है। पुलिस पूछताछ में ये भी पता चला है कि आफताब क्राइम थ्रिलर देखता था और इंटरनेट पर लाश छुपाने के तरीकों के बारे में सर्च भी करता था।
श्रद्धा की हत्या के बाद फ्लैट में दूसरी लड़की को लाया था
श्रद्धा के परिवार का जब उससे संपर्क नहीं हुआ और उसका फोन भी बंद आने लगा तो अक्टूबर में परिवार ने मुंबई के मानिकपुर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मानिकपुर पुलिस ने भी आफताब से संपर्क किया था और उसे पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि आफताब बेहद नॉर्मल दिख रहा था, उसने ऐसे बर्ताव किया कि पुलिस को उस पर शक नहीं हुआ। उसने ये कहानी सुनाकर पुलिस को चकमा दे दिया कि श्रद्धा अपनी मर्जी से कहीं चली गई थी, क्योंकि उसे अकेले रहना था। पुलिस को चकमा देने वाला आफताब बैंक अकाउंट ट्रांसफर से फंस गया। मानिकपुर पुलिस ने जब 3 नवंबर को उसका लिखित बयान लेना शुरू किया, तब तक पुलिस इस केस पर काफी काम कर चुकी थी और श्रद्धा के मोबाइल की लोकेशन और बैंक ट्रांसफर का डेटा जुटा चुकी थी।