पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी गुस्से में नजर आ रहे हैं। तेजस्वी ने बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा अर्मयादित बात करने को लेकर कहा कि पता नहीं कैसे-कैसे लोग मंत्री बन जाते हैं। तेजस्वी ने ट्वीट किया- मर्माहत हूं। बिहार में सत्ता पक्ष और मंत्री सदन की गरिमा और आसन की महता को तार-तार कर रहे हैं। सरकार के एक भाजपाई मंत्री अध्यक्ष महोदय की तरह ऊंगली उठाकर कह रहे हैं कि व्याकुल मत होईए। ऐसे सदन नहीं चलेगा। कैसे-कैसे लोग मंत्री बन गए हैं, जिन्हें लोकतांत्रिक मर्यादाओं का ज्ञान नहीं? तेजस्वी ने इससे पहले मंत्री प्रमोद कुमार पर भी तंज कसा था और कहा था कि पता नहीं कैसे-कैसे लोग मंत्री बन जाते हैं। उनके इस बयान पर सदन में जमकर हंगामा हुआ था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, विधानसभा सत्र के दौरान मंत्री सम्राट चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की ओर ऊंगली दिखाकर बोल रहे थे। जब अध्यक्ष ने मंत्री को उनके शब्द वापस लेने के लिए कहा तो मंत्री सम्राट चौधरी ने इंकार कर दिया और उल्टे अध्यक्ष विजय सिन्हा को ही फटकार लगाने लगे। मंत्री ने कहा कि इस तरह से सदन नहीं चलता है। आप इस तरह से डायरेक्शन नहीं दे सकते। इधर, विधानसभा अध्यक्ष यह बार-बार कहते रहे कि आप ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकते, लेकिन सम्राट चौधरी का व्यवहार नहीं बदला।
माले ने किया जोरदार प्रदर्शन
विधानसभा के बाहर भाकपा माले ने जोरदार प्रदर्शन किया। आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और मानदेय दिलाने की मांग को लेकर माले नेताओं ने प्रदर्शन किया। सदर की कार्यवाही शुरू होने से पहले माले विधायकों ने बैनर-पोस्टर के जरिए अपनी मांग रखी। माले के विधानदल के नेता महबूब आलम ने कहा कि आशा कर्मचारियों का शोषण होता है। सरकारी से मांग है कि उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दें और 21 हजार रुपए मानदेय दिया जाए।