पटना : सूबे के 3.50 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए यह महीना बेहद राहत भरा होगा। 22 अप्रैल के बाद उनके ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो रही है। यानी नियोजित शिक्षकों से ट्रांसफर के लिए आवेदन लिया जाएगा। अपनी सुविधानुसार ट्रांसफर के लिए नियोजित शिक्षक आवेदन कर सकेंगे। विभाग ने आवेदन को लेकर सॉफ्टेवयर तैयार करवा लिया है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसको लेकर कहा कि जल्द शिक्षकों का ट्रांसफर और पदस्थापन होगा। इसमें महिला और दिव्यांग शिक्षकों को पहले प्राथमिकता मिलेगी। ताकि वे बिना किसी असुविधा के अपनी सेवा दे सके। बता दें नई सेवा शर्त नियमावली के तहत महिला और दिव्यांग शिक्षकों को अपने सेवाकल में एक बार अंतर जिला और अंतर नियोजन इकाई में ट्रांसफर किया जाएगा। नियमावली में पुरुष शिक्षकों के म्युचुल ट्रांसफर देने की बात है।
जून तक पूरी हो जाएगी प्रक्रिया
नियोजित शिक्षकों के ऐच्छिक ट्रांसफर को लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि 22 अप्रैल से आवेदन लिया जाएगा। जबकि जून तक ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया पूरी पारदर्शी होगी और कोई भी गड़बड़ी नहीं होगी। सभी अधिकारी पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करेंगे। गौरतलब है कि बीते 15 वर्षों से नियोजित शिक्षक ट्रांसफर के इंतजार में हैं।
कोरोना के कारण परीक्षा नहीं दे रहे 50 प्रतिशत विद्यार्थी
बिहार में कोरोना का संक्रमण काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है। सरकार ने कई पाबंदियां लगाई हैं, लेकिन पूर्व निर्धारित परीक्षा आयोजित हो रहीं हैं। ऐसे में 50 प्रतिशत छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल नहीं हो रहे हैं। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में परीक्षा चल रहीं हैं, जिसमें 50 प्रतिशत विद्यार्थी शामिल नहीं हो रहे हैं। वहीं, हर साल इन परीक्षा में 80 प्रतिशत विद्यार्थी शामिल होते थे। विवि के कुलसचिव डॉ. संजय कुमार ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखकर परीक्षा चल रहीं हैं। हालांकि 50 प्रतिशत ही परीक्षार्थी उपस्थित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यह परीक्षा पिछले साल ही होनी थी पर कोरोना और लॉकडाउन की वजह से आयोजित नहीं हुई थी। पहले से ही सत्र एक साल देर हो चुका है।