टेलीकॉम सेक्टर में बड़ी क्रांति, घरेलू व अंतरराष्ट्रीय सर्विस प्रोवाइडर्स का अंतर खत्म

घरेलू बीपीओ कंपनियां अब दुनियाभर में अपनी सेवाएं दे सकेंगी, जिससे कारोबार और रोजगार में और अधिक तेजी आएगी। केंद्र सरकार द्वारा अन्य सेवा प्रदाता यानि ओएसपी से जुड़े नियमों को सरल कर दिया गया है और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं को खत्म कर दिया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इसे टेलीकॉम सेक्टर में बड़ी क्रांति बताते हुए कहा कि भारत को, दूरसंचार आधारित बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए पुरानी गाइडलाइन को सरल किया गया है।

नई गाइडलाइंस में क्या है?
-डोमेस्टिक और इंटरनेशनल ओएसपी (अन्य सेवा प्रदाता) के बीच का अंतर खत्म हुआ है
-ओएसपी का इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेट ऑटोमेटिक ब्रांच एक्सचेंज (ईपीएबीएक्स) दुनिया में कहीं भी स्थित हो सकता है
-सभी तरह के ओएसपी के बीच इंटर-कनेक्टिविटी को मंजूरी दी गई है
-किसी भी कंपनी के बीच डेटा इंटर-कनेक्टिविटी पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होगी
-ओएसपी के रिमोट एजेंट अब ब्रॉडबैंड, वायरलाइन, वायरलेस समेत किसी भी तकनीक का उपयोग करके ग्राहक इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेट ऑटोमेटिक ब्रांच एक्सचेंज से सीधे जुड़ सकते हैं
-ओएसपी के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को खत्म किया गया और किसी तरह के बैंक गारंटी की जरूरत नहीं होगी
-वर्क फ्रॉम होम से साथ वर्क फ्रॉम एनीव्हेयर की मंजूरी
-नियमों के उल्लंघन पर लगने वाली पेनल्टी को खत्म किया गया है

अब समान दूरसंचार संसाधनों का इस्तेमाल करने वाले सभी बीपीओ केंद्र भारत सहित दुनियाभर के ग्राहकों को अपनी सेवाएं दे सकेंगे। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर कहते हैं कि बीपीओ क्षेत्र के लिए यह बड़ा बदलाव है, जिसका उद्देश्य भारत को अंतरराष्ट्रीय बीपीओ बाजार में ज्यादा अवसर दिलाना है।

पीएम मोदी ने इसे बताया तकनीकी क्षेत्र में बड़ा सुधार
पीएम मोदी ने इस कदम को तकनीकी क्षेत्र में बड़ा सुधार बताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, बीपीओ उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए, नवंबर 2020 में उदार किए गए ओएसपी दिशानिर्देशों को और भी सरल बनाया गया है, जो व्यापार में अधिक आसानी और नियामक स्पष्टता प्रदान करेंगे। इससे भारतीय तकनीकी कंपनियों पर अनुपालन का बोझ कम होगा और वे कारोबार विस्तार के लिए प्रोत्साहित होंगी।

बीपीओ बाजार 10 फीसदी दर से बढ़ने की उम्मीद
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद के मुताबिक, भारत का बीपीओ उद्योग विश्व में सबसे बड़ा उद्योग है। भारतीय बीपीओ बाजार ने कोरोना महामारी के दबाव में भी बड़ा राजस्व पैदा किया और लाखों युवाओं की नौकरियां सुरक्षित रखी हैं। 2019-20 में बीपीओ क्षेत्र का राजस्व 37.6 अरब डॉलर था जो 2020-21 में बढ़कर 38.5 अरब डॉलर पहुंच गया। इस दौरान करीब 7 हजार करोड़ रुपये का इजाफा हुआ । मंत्रालय के अनुसार, 2019-20 में भारत का आईटी-बीपीओ बाजार 2.8 लाख करोड़ रुपये का था, जिसमें देश के लाखों युवाओं को रोजगार मिला है। अनुमान है कि अगले चार साल तक यह क्षेत्र 10 फीसदी से ज्यादा तेजी से वृद्धि करेगा और 2025 तक करीब 3.9 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाएगा। इससे हजारों नए रोजगार भी पैदा होंगे।

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