लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। बता दें कि पिछले तीन दशक में ऐसा पहली बार होगा कि किसी पार्टी की दोबारा पूर्ण बहुमत से वापसी हुई हो। विधानसभा चुनाव के रुझानों को देख कर साफ समझ आ रहा है कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार को उत्तर प्रदेश के लोगों ने काफी पसंद किया। उत्तर प्रदेश चुनावों में एक तरफ जहां मोदी ब्रांड अन्य पार्टियों पर भारी पड़ा, वहीं योगी के लॉ एंड आर्डर के बेहरत प्रबंधन को भी लोगों ने पसंद किया। लोगों को अनुमान तो था कि राज्य में एक बार फिर सरकार आएगी, पर इतनी अच्छी जीत होगी, यह किसी ने नहीं समझा होगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आ रहे रुझानों ने साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता अभी कम नहीं हुई है। उत्तर प्रदेश के लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पूरा भरोसा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी के कई जिलों में रैलियां की। उनकी रैली में लाखों की संख्या में उमड़े लोगों ने जाहिर कर दिया था कि मोदी अब भी हिट हैं।
राम मंदिर बनाने का फैसला भी भाजपा के पक्ष में गया है। खास तौर पर अवध प्रांत में भाजपा के लिए ये बड़ा मुददा था। भाजपा के एजेंडे में काफी समय से राम मंदिर बड़ा मुददा रहा है। राम मंदिर बनाने को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हिंदुत्व विचारधारा से प्रभावित मतदाताओं ने एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा।
2017 में भाजपा की सरकार बनने पर योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान किया गया। बाबा ने आते ही साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश बनाना है। ऐसे में पूरे देश में अपराधियों का इंकाउंटर होते देखा गया। वहीं अपराधियों के अवैध कब्जों पर बाबा का बुलडोजर चलने से आम लोगों क बीच भाजपा की एक मजबूत छवि बनी।
उत्तर प्रदेश में भाजपा और समाजवादी पार्टी में सीधा मुकाबला था। समाजवादी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी पुरानी छवि को बेहतर बनाना और लोगों को भरोसा दिलाना था कि सपा सरकार आने पर गुंडागर्दी को बढ़ावा नहीं मिलेगा। भाजपा ने इस मुददा बनाया वहीं बीच बीच में सपा प्रत्याशियों के धमकी भरे वीडियो सामने आने से भी सपा को नुकसान हुआ। अखिलेश यादव ने बेहतर छवि और विकास के नाम पर चुनाव जीतने की कोशिश जरूर की। लेकिन, लोगों ने उनपर भरोसा नहीं किया।
किसान आंदोलन के चलते माना जा रहा था कि विधानसभा चुनाव में किसानों के नाराज होने से भाजपा को काफी नुकसान हो सकता है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से चुनावों के पहले कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करने से किसानों में भाजपा के प्रति नाराजगी कम हुई। वहीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर तीन महीने में मिलने वाली 2000 रुपये की राशि ने भी कोरोना काल में किसानों को काफी राहत दी। प्रदेश सरकार ने 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ के ऋण माफ किए। गन्ना किसानों को 1.44 लाख करोड़ से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया।