नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात संवर्धन योजनाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार निकायों को भारतीय रुपए में लेनदेन की अनुमति दे दी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की रुचि में वृद्धि को देखते हुए रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निपटाने को मंजूरी देने का फैसला लिया गया है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार भारतीय रुपए में अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधी लेनदेन को सुगम और आसान बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य घरेलू मुद्रा में व्यापार को सुगम बनाना और बढ़ावा देना है।
मंत्रालय ने बताया कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने निर्यातकों को विदेश व्यापार नीति के तहत प्रोत्साहन का लाभ देने के लिए मानदंडों को अधिसूचित कर दिया है। इससे आयात और निर्यात के बारे में इनवॉयस तैयार करने, भुगतान और निपटान भारतीय रुपए में किया जा सकेगा।
मंत्रालय ने कहा कि नए बदलावों को निर्यात के लिए आयात, स्टेटस होल्डर्स के रूप में मान्यता के लिए निर्यात प्रदर्शन, अग्रिम प्राधिकरण व शुल्क मुक्त आयात प्राधिकरण योजनाओं के तहत निर्यात आय की वसूली और निर्यात प्रोत्साहन पूंजीगत सामान योजना के तहत निर्यात आय की वसूली के लिए अधिसूचित किया गया है।
इस बीच, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, डॉलर की कमजोरी और निरंतर विदेशी फंड प्रवाह के बीच कल 9 नवंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे की तेजी के साथ 81.47 (अनंतिम) पर बंद हुआ। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में स्थानीय इकाई डॉलर के मुकाबले 81.43 रुपये के स्तर पर खुली और सत्र के दौरान 81.23 रुपये के इंट्रा-डे हाई और 81.62 रुपये के निम्नतम स्तर के बीच कारोबार करती दिखी।
RBI डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए रुपये में विदेशी कारोबार को बढ़ावा देना चाहता है। पिछले महीने RBI और वित्त मंत्रालय ने बैंकों और कारोबारियों के संगठनों के प्रतिनिधियों से रूपये में आयात-निर्यात लेनदेन को बढ़ावा देने को कहा था।
RBI ने विदेशों में कारोबार संबंधी दिशा-निर्देशों की घोषणा इस साल जुलाई में की थी। इसके बाद रूस के दो बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अनुमति मिलने के बाद नई दिल्ली में विशेष ‘वोस्ट्रो खाते’ खोले हैं जिससे विदेश में रुपये में कारोबार संभव हो सकेगा। रूस के सबसे बड़े बैंक स्बरबैंक और दूसरे सबसे बड़े बैंक वीटीबी बैंक किसी अन्य देश के ऐसे पहले बैंक हैं जिन्हें रुपये में कारोबार करने की मंजूरी मिली है।
इससे पहले, RBI ने सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक को रूस के गैजप्रोमबैंक के साथ विशेष ‘वोस्ट्रो’ खाता खोलने की अनुमति दी थी। इस प्रकार का खाता होने से भारत तथा रूस के बीच व्यापार के लिए भुगतान रूपये में करने की सुविधा मिलेगी। इस तरह भारतीय मुद्रा में सीमापार व्यापार करना संभव हो पाएगा।
भारतीय करेंसी रुपये (Indian Currency Rupee) का अंतरराष्ट्रीयकरण यानी डॉलर की तरह आने वाले समय में पूरी तरह से कारोबार रुपये में करना मुमकिन हो जाएगा। DGFT ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करके रुपये में विदेशी कारोबार के रास्ते में आने वाले ब्रेकर्स या दिक्कतों की आशंका को खत्म कर दिया है। दरअसल, सरकार की मंशा साल 2047 तक इंडियन करेंसी को अंतरराष्ट्रीय करेंसी के तौर पर स्थापित करने की है। इसका मकसद साफतौर पर देश को आजाद हुए 100 साल होने पर भारतीय करेंसी रुपये को दूसरी करेंसियों के बराबर ताकतवर बनाना है।