RJD MLA Bhai Virendra in Vidhan Sabha-Bihar Aaptak

शीतकाल में ‘शीत’युद्ध: बिहार विधानसभा के बाहर राजद विधायक भाई वीरेंद्र व भाजपा विधायक संजय सरावगी के बीच ‘बहुत कुछ’ हो गया!

पटना। भाषा कितनी शीत होनी चाहिए यह आप माननीयों से पूछ सकते हैं। अगर विश्वास नहीं हो रहा है तो एक बार इन माननीय को सुन लीजिए। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक माननीय ने इतनी शीत भाषा का प्रयोग किया है कि देशभर में थू-थू हो रही है। दरअसल, शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राजद विधायक भाई वीरेंद्र व भाजपा विधायक संजय सरावगी के बीच तू-तू मैं-मैं होते होते गाली-गलौज तक पहुंच गई।

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को परिसर में ?दरभंगा के भाजपा विधायक संजय सरावगी की राजद विधायक व प्रवक्ता भाई वीरेंद्र से भिड़ंत हो गई। स्थिति ऐसी हो गई कि बीचबचाव करना पड़ा। राजद विधायक ने अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए भाजपा विधायक को मिलावटी पैदाइश तक कह दिया, वहीं भाजपा विधायक ने कहा कि इनलोगों का संस्कार ही ऐसा है ये लोग बिहार को और बालू को लूटने वाले हैं।

इस घटनाक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में भाजपा विधायक संजय सारावगी ने कहा कि ये लेाग बालू माफिया हैं। 15 वर्षों तक इन लोगों ने बिहार को लूटा है। उनका संस्कार ही ऐसा है। न इन्हें बिहार को लूटने का मौका मिल रहा है और न बालू लूटने का। शराब से होनेवाली मोटी कमाई बंद हो गई है। ऐसे में अब उनका गुस्सा इस तरह से बाहर निकलकर सामने आ रहा है।

उधर, इस शीतयुद्ध के बाद भाई वीरेंद्र ने कहा कि वह लोग संस्कार की बात कर रहे हैं। राजद विधायक ने कहा कि वे संजय सरावगी से सीनियर हैं। इसके बाद भी भाजपा विधायक ने उनसे बदतमीजी की है। उनके संस्कार पर सवाल उठाए। सभी जानते हैं कि मेरा व्यवहार कैसा रहता है। सभी को सम्मान देता हूं. चाहे वह सरकार में हो या विपक्ष में, लेकिन अगर कोई मुझे तुम-ताम करके बात करेगा तो इसे मैं कभी बर्दाश्त नहीं करुंगा। बिहार विधानसभा के बाहर जिस तरह से राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने बीजेपी के विधायक संजय सारावगी के साथ गाली गलौच की है। उसके बाद अब उनके निलंबन की मांग होने लगी है।

इस घटनाक्रम पर पूर्व विधान परिषद सदस्य सच्चिदानंद राय ने इसे लोकतंत्र के लिए गलत बताते हुए कहा कि ऐसी भाषा का इस्तेमाल किसी विधायक के लिए करना पूरी तरह से अशोभनीय है। सबने देखा है कि राजद विधायक किस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे थे। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष को खुद इस मामले में संज्ञान लें और भाई वीरेंद्र को निलंबित किया जाए।

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