वैश्विक महामारी कोविड-19 से भले रोज हजारों जानें जा रही हैं, पर इसका असर सालों तक दिखेगा। #कोरोना से बचाव के एकमात्र उपाय ‘लॉकडाउन’ और ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ के कारण दुनिया भर में करोड़ों लोग अपने काम पर नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनकी कमाई ठप सी हो गई है। कोरोना के कहर से बचना तो दूर, अभी से ही लोगों को खाने-पीने की चिंता सताने लगी है। लगातार बढ रहे पाॅजिटिव केसेज से लोगों को लगने लगा है कि फिलहाल लाॅकडाउन खत्म नहीं होने वाला और अगर होगा भी तो कई तरह की बंदिशें जारी रहेंगी। इस कारण फिर से रोजी-रोटी कमाना मुश्किल होगा और फिर खाने-खाने को मोहताज हो सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, इस साल के अंत तक 26.5 करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं। यूनाइटेड नेशन एजेंसी के एक अधिकारी के अनुसार पहले ही दुनिया में 13.5 करोड़ लोग खाने की कमी से जूझ रहे थे और अब 2020 में इस महामारी से 13 करोड़ और इसकी चपेट में आ जाएंगे। समस्या बहुत बड़ी है, सिर्फ बीमारी से बचना ही नहीं है, लोगों को आने वाले समय में भुखमरी जैसी महामारी से भी जूझना होगा। एक बात और इसमें सिर्फ मजदूर वर्ग ही शामिल नहीं हैं, नौकरियां भी खत्म होंगी।
(यह लेख पत्रकार संजीत मिश्रा ने लिखा है। इसे हमने उनके फेसबुक वाल से लिया है।)