UPSC परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर बना डिप्टी कमिश्नर, 13 साल बाद सीबीआई जांच में पकड़ाया

पटना : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर एक युवक डिप्टी कमिश्नर बन गया। बेतिया निवासी राजेश कुमार ने 2007 में यूपीएससी की परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया था। राजेश ने सर्टिफिकेट में हेराफेरी कर राजेश नवनीत कुमार बन गया। फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर वह आईआरएस की परीक्षा पास कर सेंट्रल जीएसटी के ऑफिस में डिप्टी कमिश्नर बन गया। अब पटना में मुख्य कमिश्नर कार्यालय वह डिप्टी कमिश्नर के पद पर काम कर रहा था। सीबीआई ने जांच में सर्टिफिकेट को फर्जी पाया। सीबीआई को जांच में पता चला कि पश्चिम चंपारण के बेतिया निवासी राजेश कुमार और डिप्टी कमिश्नर नवनीत कुमार एक ही आदमी है। राजेश कुमार ने जन्म प्रमाण-पत्र और शैक्षणिक प्रमाण-पत्र में हेराफेरी कर नवीनत कुमार बना था।

2019 में दर्ज हुई थी शिकायत
राजेश कुमार और नवनीत कुमार के संबंध में सीबीआई को 2019 में फर्जीवाड़े को लेकर शिकायत मिली थी। इसके बाद विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर सीबीआई जांच कर रही थी। मामले की जांच करते हुए सीबीआई कोर्ट ने 30 जुलाई को पटना में राजेश उर्फ नवनीत कुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है। फिर सीबीआई कोर्ट ने अलग-अलग आपराधिक धाराओं के तहत संज्ञान लिया। कोर्ट ने राजेश कुमार उर्फ नवनीत कुमार को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए समन जारी किया है। सीबीआई ने बताया कि जांच में पता चला कि राजेश कुमार, पिता-जय नारायण शर्मा पश्चिम चंपारण के बेतिया का निवासी है। इसने जवाहर नवोदय विद्यालय में 1987 में पढ़ाई की। यहां उसका जन्म प्रमाण-पत्र 5 दिसंबर 1947 है। राजेश ने आपराधिक साजिश के तहत जन्म प्रमाण-पत्र और शैक्षणिक प्रमाण-पत्र तैयार किया और यूपीएससी की 2007 की परीक्षा क्वालीफाई कर लिया।

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