पटना। अगर आपका सपना सोने नहीं देता, मतलब आप अपने सपने को पूरा करना चाहते हैं और शायद ऐसा ही हुआ दिव्या शक्ति के साथ। सारण की बेटी दिव्या शक्ति ने दिखा दिया कि आप चाहें तो कुछ भी कर सकते हैं। 2020 यूपीएससी की परीक्षा में 79वां रैंक हासिल करने वाली दिव्या शक्ति ने अपनी दिव्य इच्छा शक्ति की बदौलत 2022 में 58वां रैंक हासिल किया है।
बता दें कि 2020 में दिव्या शक्ति को भारतीय पुलिस सेवा आवंटित हुआ था लेकिन वह इससे संतुष्ट नहीं थी, उसके मन में आईपीएस नहीं, आईएएस अफसर बनने का सपना पल रहा था। उसने अपने सपने को दो साल में ही हकीकत में तब्दील कर दिया। फिलवक्त दिव्या हैदराबाद में भारतीय पुलिस सेवा की ट्रेनी है। टाॅपर लिस्ट में आने के बावजूद वह तैयारी करती रही और अब जाकर अपने मिशन में कामयाब भी हो गई है।
सारण के जलालपुर प्रखंड के कोठेयां गांव के डॉ धीरेंद्र कुमार सिंह एवं मंजुल प्रभा की पुत्री दिव्या शक्ति ने यूपीएससी की परीक्षा में दुबारा 58 वां रैंक लाकर सारण को गौरवान्वित किया है। दो वर्षों पूर्व दिव्य शक्ति को 79 वां रैंक आया था, जिसमें उसे रैंक के आधार पर भारतीय पुलिस सेवा आवंटित हुआ था लेकिन इस सफलता से भी वह संतुष्ट नहीं थी। 2022 में उसे 58वां रैंक हासिल हुआ है। दिव्या शक्ति ने कहा कि आईएएस बनने का मेरा सपना था। इसी कारण से ट्रेनिंग के साथ-साथ यूपीएससी की भी तैयारी कर रही थी।
एक बातचीत में दिव्या शक्ति ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा में उसने भूगोल विषय को चुना था। दिव्य शक्ति की प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर से ही हुई है। उसके पिता डा. धीरेंन्द्र सिंह वहीं मेडिकल कॉलेज में प्राध्यापक थे। उसके बाद दिव्य शक्ति डीपीएस बोकारो से मैट्रिक तथा इंटर करने के बाद राजस्थान से बीटेक किया। वह फिलहाल मुजफ्फरपुर में ही रह रही है। उसकी सफलता पर परिजनों में खुशी का माहौल है। आईएएस बनने का संकल्प ही उसे इस मुकाम पर पहुंचाया है।