पटना। बिहार में विधायक कोटे से भरी जानी वाली तीन सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, पर सहयोगी पार्टी भाकपा माले ने इस पर आपत्ति जताई है। बता दें कि राजद ने कारी सोहैब, मुन्नी रजक और अशोक पांडेय को उम्मीदवार बनाया है। मुन्नी रजक का नाम फाइनल होने के बाद सबकी नजरें उसी पर हैं। लोगों का कहना है कि इस नाम को आगे लाकर राजद ने बड़ा मैसेज दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक सीट के लिए राजद के साथ पहले से माले की बातचीत भी हो चुकी थी। माले के राज्य सचिव कुणाल ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि बिहार विधान परिषद की तीन सीटों के लिए राजद की ओर से एकतरफा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा दुर्भाग्यपूर्ण है। यह गठबंधन की मर्यादा के प्रतिकूल है। उन्होंने कहा कि इसके लिए बातचीत की प्रक्रिया जारी ही थी कि राजद ने एकतरफा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी, जबकि एक सीट पर हमारा लंबे समय से दावा रहा है और इसे राजद स्वीकार भी करता रहा है। उन्होंने लालू प्रसाद व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से आग्रह किया है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करें।
बता दें कि यह पहला मामला नहीं है। महागठबंधन के अंदर राजद ने एकतरफा फैसला उम्मीदवार उतारने के लिए लिया है। इससे पहले विधान सभा उपचुनाव में राजद ने कुशेश्वर स्थान में अपना उम्मीदवार दे दिया था, जबकि कुशेश्वर स्थान की सीट विधान सभा चुनाव के समय कांग्रेस के पास थी। इसके बाद कांग्रेस ने भी अपना उम्मीदवार दे दिया। तारापुर व कुशेश्वर सहित बोचहां उपचुनावों में राजद और कांग्रेस का गठबंधन टूटा हुआ रहा। इससे पहले हुए विधान परिषद चुनाव में 24 सीटों में से 23 सीट पर राजद चुनाव लड़ा और एक भागलपुर की सीट सीपीआई को दी गई थी, तब माले ने राजद से सीटें नहीं लीं। माले ने विधान सभा चुनाव से लेकर बाकी उपचुनावों और 24 सीटों पर हुए विधान परिषद चुनाव में राजद का सहयोग किया। विधान सभा चुनाव में माले का परफॉर्मेंश भी अच्छा रहा था। 12 सीटों पर माले की जीत हुई थी।
अब जब राजद ने तीनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी तब माले ने इस पर पुनर्विचार की मांग की है। इसे गठबंधन की मर्यादा के प्रतिकूल भी कहा है। राजद प्रवक्ता चित्तरंजन ने कहा कि माले नेताओं से बात की जाएगी और बातचीत से समाधान निकाला जाएगा। बता दें कि माले कई मामलों में हार्डकोर पार्टी रही है। जमीन पर इसकी ताकत आंदोलन की वजह से अच्छी है। तीन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करते समय राजद ने माले को आखिर एक सीट क्यों नहीं दी यह राजद जाने लेकिन इससे गठबंधन पर कोई असर पड़ेगा इसकी कम उम्मीद है।