पटना। सहरसा के भारतीयनगर रोड पर चल रहे रेड लाइट एरिया में पुलिस टीम ने छापेमारी कर एक नाबालिग लड़की को बरामद किया। वहीं, एक आरोपी को गिरफ्तार कर घर को सील कर दिया गया। लगातार शोषण से परेशान होकर नाबालिग ने डायल 112 टीम को सूचना दी थी, जिसके बाद पहुंची पुलिस ने उसे मुक्त कराया।
मंगलवार को मुख्यालय डीएसपी कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार की देर शाम डायल-112 टीम को रेड लाइट एरिया से एक बच्ची ने जानकारी दी कि उसके साथ जबरन देह व्यापार कराया जा रहा है। सूचना पुलिस अधीक्षक को दी गई। एसपी के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया। टीम में वरीय पुलिस पदाधिकारी, वन स्टॉप सेंटर, सखी, चाइल्ड लाइन व अन्य के सदस्य शामिल थे। गठित टीम द्वारा रेड लाइट एरिया में छापेमारी की गई। इस दौरान एक कमरे से एक नाबालिग बच्ची को बरामद किया गया, जबकि अनैतिक देह व्यापार कराने में शामिल मु. सेराज नट को गिरफ्तार किया गया।
पीड़िता नेपाल बॉर्डर से सटे इलाके की रहने वाली है और उसे अपने पिता का नाम तो याद है, लेकिन घर का पूरा पता नहीं मालूम। पुलिस ने लड़की के बयान के आधार पर नेपाल और नेपाल से सटे भारतीय क्षेत्रों की पुलिस से संपर्क किया है, ताकि उसके माता-पिता का पता लगाया जा सके।

डीएसपी कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि बच्ची ने काउंसलिंग के दौरान पुलिस को जानकारी दी गई कि वो करीब छह-सात साल की थी उसी समय अपने मां-बाप से किसी रेलवे स्टेशन पर बिछड़ गई थी। जिसके बाद मानव व्यापार करानेवालों के चंगुल में फंस गई। घर का काम कराने के नाम पर बच्ची को लाया गया था। जहां कुछ सालों के बाद जबरन उससे देह व्यापार कराए जाने लगा। बच्ची अपना घर नेपाल के बॉर्डर इलाके में बता रही है। बच्ची ने बताया कि लगातार शोषण से परेशान होकर उसने डायल 112 टीम को सूचना दी। जिसके बाद पहुंची पुलिस ने उसे मुक्त कराया।
डीएसपी ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर लिया गया और गिरफ्तार आरोपी को जेल भेजा जा रहा है, जबकि जहां बच्ची के साथ अमानवीय कार्य हो रहा था उस घर को सील कर दिया गया है। जिसकी सूचना डीएम व न्यायालय को दी जा रही है। बच्ची को सुरक्षित रखा जा रहा है। पुलिस का कहना है कि अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच की जाएगी, ताकि इस गैंग से जुड़े अन्य लोगों को भी पकड़ा जा सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
लड़की की उम्र जब लगभग 10 साल थी, तब वह अपने माता-पिता के साथ ट्रेन से कहीं जा रही थी। उसी दौरान वह भीड़ में बिछड़ गई। तभी कुछ लोगों ने उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले लिया और बाद में उसे सहरसा के रेड लाइट एरिया में बेच दिया गया। शुरू में उससे घर के काम-काज करा ए गए, लेकिन धीरे-धीरे उसे अनैतिक कार्यों में जबरन धकेल दिया गया। जब भी उसने विरोध किया, उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
डीएसपी कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने बच्ची की मां व पिता का पता लगाने के साथ ही बच्ची के घर की जानकारी लेने के लिए नेपाल पुलिस से भी संपर्क किया गया है। वीरगंज के पुलिस अधीक्षक से बात की गई है, जबकि बॉर्डर इलाके के बिहार पुलिस व नेपाल पुलिस से संपर्क किया गया है, ताकि बच्ची की सही जानकारी ली जा सके। सूत्रों की माने तो कुछ वर्ष पहले बच्ची को सीतामढ़ी के रेड लाइट एरिया में रखा गया था। जिसके बाद सहरसा लाया गया। सूत्र बताते हैं कि बच्ची को रेड लाइट एरिया से निकालने में उसकी मदद भी कुछ लोगों ने की। बच्ची की काउंसलिंग में टीम जुटी हुई है।