पटना। बिहार की पुलिसिंग व्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है। राज्य के पुलिस महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी के आने के बाद से बिहार में क्राइम का ग्राफ तेजी से कम हुआ ही है, पुलिस तंत्र भी दुरुस्त हो गया है। और अब अपर पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं एवं वायरलेस) निर्मल कुमार आजाद ने ‘डायल 112’ की सक्सेस स्टोरी गिनाकर यह साबित कर दिया कि बिहार वाकई बदल गया है, अब यहाँ की पुलिस हमेशा लोगों के साथ खड़ी रहती है, उनके बुरे वक्त में एक ‘साथी’ बनकर।
प्रथम चरण: राज्य में जनकल्याणकारी आपातकालीन सेवा (ERSS Dial-112) का शुभारम्भ दिनांक 06.07.2022 को माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा किया गया है। आपातकालीन सेवा का मुख्य उद्देश्य पीड़ित व्यक्तियों को 20 मिनट में सहायता मुहैया कराना है। परियोजना के प्रथम चरण में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों/शहरी क्षेत्रों में एवं पटना जिला के सम्पूर्ण क्षेत्रों में उपलब्ध था। इस हेतु 400 चार पहिया वाहन उपलब्ध कराया गया था।
द्वितीय चरण: द्वितीय चरण में यह आपातकालीन सेवा ग्रामीण क्षेत्रों सहित सम्पूर्ण राज्य में उपलब्ध हो गयी है। दिनांक 29.02.2024 को द्वितीय चरण हेतु अतिरिक्त 883 चार पहिया वाहन एव 550 दो पहिया वाहन का लोकार्पण माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा किया गया। इस प्रकार अब कुल 1833 वाहन उपलब्ध हैं। दो पहिया वाहन की सहायता से अब शहर की तंग गलियों में भी आपातकालीन सेवा पहुँचायी जा रही है। द्वितीय चरण में 1586 एम्बुलेन्स सेवा एवं 805 अग्निशमन सेवा के वाहनों को भी इस व्यवस्था में एकीकृत किया गया हैं, जो 24 घंटे नागरिकों की सेवा में कार्यरत हैं। सम्पूर्ण बिहार राज्य के नागरिक अब आपातकालीन स्थिति में 112 डायल कर पुलिस, एम्बुलेन्स, अग्निशमन सेवा एवं अपराध नियंत्रण हेतु एकीकृत सेवा ले रहे है।
कॉल हैंडलिंग के मामले में देश में दूसरे नंबर पर बिहार
- ‘डायल 112’ की बेहतर सेवा के कारण चोरी, दंगा और डकैती जैसी घटनाओं में भी आई है कमी
- अब पुलिस संबंधी कोई भी घटना का एक ही नंबर ‘डायल 112’ से होगा निराकरण
- अपर पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं व वायरलेस) निर्मल कुमार आजाद ने लोगों से की अपील, अपनी समस्याएं हमसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें
आपात स्थिति में बिहार के लोगों का सबसे बड़ा दोस्त : विगत् 02 वर्ष में 20 लाख से अधिक लोगों को आपातकालीन सेवायें पहुँचायी जा चुकी है। प्रतिदिन करीब 05 हजार लोगों को सेवा प्रदान की जा रही है। इस वर्ष हमारा लक्ष्य 15 लाख से अधिक लोगों को सेवा पहुँचाना है। अगले वर्ष का लक्ष्य 18-20 लाख लोगों को सेवा पहुँचाना है। नागरिक केन्द्रित पुलिसिंग के तहत 20 मिनट के अन्दर राज्य में कही भी आपातकालीन सेवा पहुँचाने के लक्ष्य को अब हम प्राप्त कर रहे है।
ऐसे मामले जिनमें ससमय आपातकालीन सेवाएं पहुँचायी गयी : इन दो सालों में स्थानीय विवाद / मारपीट / हिंसात्मक झड़प इत्यादि से संबंधित सूचना – 10,59,782 घरेलू हिंसा, महिला अपराध एवं बच्चों से संबंधित सूचना:-1,80,817, यातायात / दुर्घटना से संबंधित सूचना-81,268, अग्नि कांड से संबंधित:-71,994, मध निषेध से संबंधित सूचना:-71,501। त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप राज्य स्तर पर वर्ष 2023 में विगत् वर्ष की तुलना में डकैती के मामलो में 15.39 प्रतिशत, चोरी में 5.93 प्रतिशत एवं दंगा में 15.82 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।
अब एक ही हेल्पलाइन नंबर हर परेशानी को करेगा दूर : डायल-112 को सम्पूर्ण बिहार राज्य के नागरिकों के लिए एकल पुलिस हेल्प लाइन एवं इमरजेन्सी हेल्प लाईन नम्बर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस प्रकार अब नागरिक केन्द्रित पुलिसिंग के अन्तर्गत आमजनों को अधिकतम सेवायें एक ही नम्बर डायल-112 के माध्यम से प्राप्त हो सकेगें। यह कार्य अगले एक माह में पूरा कर लिया जायेगा।
प्रत्येक कॉलर से फीडबैक की सुविधा : डायल-112 के कमांड एंड कंट्रोल सेन्टर में आम नागरिको से फीडबैक प्राप्त करने हेतु आधार भूत संरचना तैयार की जा रही है। जिसके पश्चात प्राप्त फीडबैक के आधार पर डायल 112 के सभी सेवाओं को और अधिक उत्कृष्ट बनाया जा सकेगा एवं नागरिकों के शिकायतों का शत-प्रतिशत निस्तारण किया जा सकेगा।
- राज्य भर में तैनात 1833 वाहनों के द्वारा औसतन 20 मिनट में पहुँचायी गयी आपातकालीन सेवा।
- प्रतिदिन कॉल हैण्डलिंग में बिहार, देश में दूसरे स्थान पर है।
- उपलब्ध आँकड़ा के अनुसार बिहार राज्य रेसपॉन्स टाईम के आधार पर देश में 7वीं स्थान पर है।
- बिहार देश का एकमात्र राज्य है जहाँ शत-प्रतिशत कॉल महिला पुलिसकर्मियों के द्वारा रिसीव किया जा रहा है।