पटना : नालंदा कोर्ट में बेल दिए जाने का एक कारण सुनकर हर कोई हैरान हो जा रहा है। जिले के न्याय परिषद के जज मानवेंद्र कुमार मिश्र ने एक आरोपी को बेल ही नहीं दिया, बल्कि उसे गिफ्ट देकर रिहा किया। जज के इस फैसले पर किशोर न्याय परिषद के सदस्य धर्मेंद्र कुमार और उषा कुमारी ने भी सहमति जताई। दरअसल, मारपीट के आरोपी ने जज को बताया कि आज उसका जन्मदिन है और वह 18 साल का हो गया है, इसलिए मुझे बेल दिया जाए। यह सुनते जज ने उसकी अपील मंजूर कर ली और उसे बेल दे दिया। साथ ही उसे गिफ्ट देकर रिहा किया।
पड़ोसी के साथ मां की लड़ाई होने पर की थी मारपीट
आरोपी युवक ने जज को बताया कि उसकी मां की पड़ोसी के साथ मारपीट हो रही थी। इसमें वह भी शामिल हो गया। पड़ोसियों ने उसे नामजद कर दिया और वह तब से जेल में है। उसने जज को यह भी बताया कि वह एक दुकान में कर्मचारी है और वहां काम कर ही अपना परिवार चलाता है, लेकिन जेल में होने के कारण दुकानदार उसे पैसे नहीं दे रहा है। दुकानदार का कहना है कि वह जितने दिन गैरहाजिर रहेगा, उतने दिन का कोई पैसे नहीं बनेगा। इस कारण उसे परिवार चलाने में भी परेशान हो रही है।
आरोपी की मां से भी कोर्ट ने पूछताछ
आरोपी युवक की बात सुनने के बाद जज मानवेंद्र कुमार मिश्र ने उसकी मां से भी बात की। जज ने आरोपी की मां की बात सुनने और दोनों की बात को समान पाने के बाद उस युवक की पूरी डिटेल निकलवाई। इसमें पता चला कि साधारण प्रकृति के अपराध में युवक सात महीने से जेल में है। पुलिस ने अब तक आरोप पत्र भी दाखिल नहीं किया है। फिर जज मानवेंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर आरोप युवक को रिहा कर दिया।