पटना : बिहार कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। करीब आधा दर्जन पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। एक मरीज की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद राज्य सरकार बचाव और राहत कार्य को लेकर लापरवाह दिख रही है। आमलोगों को तो राज्य सरकार ने घर में रहने को कह दिया, लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज और उनकी जांच में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों का क्या होगा? जी हां, राजधानी पटना स्थित पीएमसीएच और एनएमसीएच में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए कोरोना से बचाव को लेकर बुनियादी चीजें नहीं हैं। पीएमसीएच में डॉक्टरों के लिए सैनिटाइजर नहीं है तो एनएमसीएच में मास्क तक नहीं है। ऐसे में आमलोगों के इलाज और जांच का अंदाज लगाया जा सकता है।
जूनियर डॉक्टरों ने अधीक्षक का किया घेराव
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझ रहे एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को अधीक्षक का घेराव किया। जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए पीपीआई किट, एन 95 मास्क और हैंड सैनिटाइजर तक नहीं है। जूनियर डॉक्टरों ने आठ सूत्री मांगों का ज्ञान अधीक्षक को सौंपा। वहीं, अधीक्षक ने आरोप को निराधार बताया और कहा कि आज ही 95 मास्क मंगवाए गए हैं।