पटना। बिहार में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति सही करने के लिए नीतीश सरकार लगातार काम कर रही है। इसी मद्देनजर शिक्षकों की बहाली भी की जा रही है। प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को जहां फरवरी में नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे, वहीं अब खबर है कि स्कूलों में प्रधानाध्यपकों की भी नियुक्ति होगी। जी हां, बिहार के 40,506 प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक और 6421 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति होनी है।
बिहार आपतक को मिली जानकारी के अनुसार प्रधान शिक्षक के सबसे अधिक 1980 पद पटना और प्रधानाध्यापक के सबसे अधिक पद 342 पूर्वी चंपारण रिक्त हैं। प्रधान शिक्षक के सबसे कम पद 216 शिवहर में और प्रधानाध्यापक के सबसे कम 33 पद अरवल में हैं। प्रधानाध्यापक का संवर्ग प्रमंडल और प्रधान शिक्षक का संवर्ग जिला स्तर का होगा। प्रधानाध्यापक का तबादला प्रमंडल और प्रधान शिक्षक का तबादला जिला स्तर पर होगा। इस तरह स्कूलों को नए प्रधानाध्यापक मिलने वाले हैं।
सरकार के नियमित कर्मियों की तरह इन शिक्षकों को सरकार से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिलेगा। दोनों पदों की बहाली के लिए 150-150 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक के होंगे। 0.25 प्रतिशत निगेटिव मार्किंग होगी। यानी चार प्रश्न के गलत उत्तर देने पर एक अंक कटेंगे। दो घंटे की परीक्षा होगी। परीक्षा में संबंधित हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामान्य अध्ययन और शिक्षक एप्टीट्यूट से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।
प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम 31 और अधिकतम 47 वर्ष आयु के शिक्षक आवेदन के पात्र होंगे। 2012 या उसके बाद नियुक्त शिक्षक के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। मान्यता प्राप्त विवि से कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर उत्तीर्ण होना चाहिए। एससी, एसटी, अति पिछड़ा, पिछड़ा, दिव्यांग, महिला और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए न्यूनतम निर्धारित अंक में 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। मौलाना मजहरूल हक अरबी व फारसी विवि, राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी आलिम की डिग्री और केएसडीएस की शास्त्री की डिग्री को स्नातक के समतुल्य माना जाएगा। अभ्यर्थी को बीएड या बीएएड या बीएससीएड उत्तीर्ण होना चाहिए।