Baby Care in Hot weather-High Temperature

गर्मी ने फरवरी में तोड़ा 122 साल का रिकॉर्ड, बच्चों को खड़ी कार में न छोड़ें, दोपहर में बाहर न निकलें

गर्मी ने इस बार फरवरी में 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग की मानें तो उत्तर और मध्य भारत में दिन का औसत तापमान सामान्य से 1.73 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है। इससे पहले फरवरी में 1901 में 0.81 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। गर्मी के इस कहर को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्च से मई के बीच संभावित लू को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसमें यह भी बताया गया है कि जब तक जरूरत न हो, बच्चों को घर से बाहर न निकालें।

मौसम विभाग ने 2023 में गर्मी के लिए पहली बार चेतावनी जारी की है। इसे देखते हुए क्या करें, क्या न करें की सूची जारी की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक जरूरी न हो तो दोपहर 12 से 3 के बीच घर से न निकलें। बच्चों को बाहर खड़ी कार में अकेले ना छोड़ें। अगर आपके पास भी छोटे बच्चे हैं तो उनका खास ख्याल रखें, क्योंकि इस बार गर्मी कहर ढाने वाली है।

फरवरी में उत्तर पश्चिम भारत (राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी) में दिन का औसत अधिकतम तापमान 3.40 डिग्री ज्यादा 24.86 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले 1960 में यह तापमान फरवरी में 24.55 डिग्री पहुंचा था। मध्य भारत (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और गुजरात) के लिए इतिहास की यह दूसरी सबसे गर्म फरवरी रही। इस साल यहां फरवरी का औसत अधिकतम तापमान 31.93 डिग्री रहा। 2006 में यह 32.13 डिग्री दर्ज किया गया था।

मौसम विभाग के वरीय अधिकारी ने बिहार आपतक से बातचीत में बताया कि पिछली मार्च भी इतिहास में सबसे गर्म रही थी, लेकिन इस साल मध्य भारत को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में हीटवेव पिछले साल की तुलना में कम हो सकती है। मार्च में कुछ न्यूट्रल परिस्थितियां रह सकती हैं, क्योंकि कई मौसम संबंधी मॉडल ला-नीना परिस्थितियों के कमजोर होने का संकेत दे रहे हैं और अप्रैल-मई में अल-नीनो परिस्थितियां उभर सकती हैं। इससे पारा ज्यादा रहेगा।

इससे पहले फरवरी में 1901 में 0.81 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था।

मार्च से मई तक के लिए पहली एडवाइजरी, सतर्क रहें बच्चों का ख्याल रखें

क्या करें
स्थानीय मौसम का अपडेट अपने पास रखें। शरीर का तापमान अधिक है या कोई बेहोश हो गया हो तो तुरंत 108 या 102 पर कॉल करें। नींबू, पानी, छाछध्लस्सी, फलों के जूस में नमक मिलाकर लें।
क्या न करें
उच्च प्रोटीन और ज्यादा चीनी वाले खाने से बचें।
चाय, कॉफी, शराब और ज्यादा मात्रा में चीनी वाले पेय से भी बचें। उच्च प्रोटीन और बासी भोजन से भी दूर रहें। गर्मी चरम पर हो, उस वक्त खाना पकाने से बचें।

बच्चों का धूप से बचाव कैसे करें
गर्मी में धूप से बचाव के लिए बच्चों को हल्के कलर के कपड़े (फेब्रिक्स) पहनाएं। जितना हो सकें बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जिससे शरीर पूरा ढका रहे। गर्मी में पानी की मात्रा शरीर में कम हो जाती है, इसलिए गर्मी में बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने के लिए कहें।

डॉ संजय प्रसाद, सीनियर पीडियाट्रिशियन, प्रसाद क्लिनिक, एग्जीबिशन रोड पटना

पटना के प्रसिद्ध पीडियाट्रिशियन डाॅ संजय प्रसाद कहते हैं कि गर्मी के मौसम में जिस तरह बड़ों के शरीर में पानी की जरूरत बढ़ जाती है, वैसे ही छोटे बच्चों को भी पर्याप्त मात्रा में ब्रेस्टफीड करवाना बेहद आवश्यक है। हर दो-तीन घंटे पर ब्रेस्टफीड अवश्य करवाएं, इससे बच्चे के शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। आप चाहें तो बच्चे को फार्मूला मिल्क भी दे सकती हैं। जितना संभव हो बच्चे को गर्मी में घर से बाहर नहीं निकालें। ऐसे भी अभी फ्लू का खतरा बढ़ गया है, इसलिए बच्चों को बाहर या भीड़भाड़ वाली जगहों पर निकालने से परहेज करें।

गर्मियों में अपने शिशु की केयर
बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम वीक होता है, उस समय बच्चों को इंफेक्शन होने का खतरा रहता हैं। ऐसे में मां का दूध बच्चे के लिए काफी फायदेमंद रहता है। मां का दूध बच्चों को कीटाणु से लड़ने में काफी मददगार साबित होता है। आप गर्मियों में चाहे बच्चे को सूखा दूध पिलाएं या फिर स्तनपान करवाएं किसी भी समय अगर आपको लगे की बच्चे की तबीयत ठीक नहीं हैं तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
गर्मियों में बच्चों को तेज धूप के कारण शरीर की त्वचा पर रेशेस हो जाते हैं, इसलिए बच्चों को गर्मियों में ज्यादा गर्म कपड़े नहीं पहनाएं। अगर गर्मी के कारण आपके बच्चे को भी रेशेस हुए हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और इसका कारण जानने की कोशिश करें और इस बारे में डाक्टर से सलाह लें।

Dr Diwakar Tejashwi, Senior Physician Patna
डॉ दिवाकर तेजश्वी, वरीय फिजिशियन

पटना के वरीय फिजिशियन डॉ दिवाकर तेजश्वी कहते हैं कि ऐसे मौसम में एहतियात बरतना बेहद जरूरी हो गया है।अचानक एसी व कूलर में जाने, फ्रिज का ठंडा पानी पीने, सीधे तेज धूप में जाने से बचना चाहिए। नहीं तो स्वास्थ्य खराब हो सकता है। ज्यादा मसालेदार व बासा भोजन करने से परहेज करना चाहिए। गर्मियों में दही नियमित रूप से लेने से शरीर का तापमान काबू रखने में मदद मिलती है। गर्मियों में शरीर में पानी की खपत बढ़ जाती है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ खाएं।


छोटे बच्चों को डिहाइड्रेशन बहुत जल्दी हो जाता है अगर आप उसको कड़ी धूप में घर से बाहर ले जाते हैं, तो बच्चे को ज्यादा पानी पिलाएं। बच्चे को तब दूध पिलाएं जब-जब उसको भूख लगे। गर्मी में मां का दूध बच्चे में डिहाइड्रेशन की कमी नहीं होने देता हैं और शरीर को ठंडा रखता है। जब दूध बनाएं तो डॉक्टर द्वारा बताई गई बातों का ध्यान रखें। ज्यादा पानी का ओवरडोज नहीं करें। बीच-बीच में बच्चे को उबला हुआ और ठंडा दूध पिलाते रहें। याद रखें, बच्चे को उसका पूरा आहार मिलें।

पटना के प्रसिद्ध पीडियाट्रिशियन डाॅ संजय प्रसाद कहते हैं कि वायरल इंफेक्शन गर्मियों में ही नहीं बल्कि सालभर रहता है। मां का दूध ही बच्चे के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है, जो बच्चे के इम्युनिटी सिस्टम का विकास करता हैं और बच्चों को फ्लू जैसी बीमारियों से दूर रखता है। अगर आपका बच्चा बीमार हो जाता है, तो उसे डॉक्टर के पास तुरंत ले जाएं, खुद से कभी भी बच्चों के मामले में डाॅक्टर न बनें।

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