नई दिल्ली। भारत की तरक्की में वैसे तो देश के हर नागरिक का महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन देश की बेटियां समय-समय पर देश को गर्व करने का मौका देती हैं। एक बार फिर देश की महिलाओं ने अपनी उड़ान से विश्व में भारत का नाम आगे रखा है। दरअसल, भारत विश्व में सबसे अधिक महिला पायलट्स हिस्सेदारी में सबसे आगे है। यानी भारत की महिलाएं आज पायलट के रूप में अपने करियर को चुनने के लिए किसी भी देश से ज्यादा आगे हैं।
साल 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक है। भारत महिला पायलट्स की 12.4 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दुनिया में टॉप पर है। भारतीय महिलाएं दुनिया में सबसे अधिक महिला कमर्शियल पायलटों का नेतृत्व करके ऊंची उड़ान भरती हैं। यह अनुमान इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ वुमन एयरलाइन पायलट का है।
महिला पायलटों का विश्व में प्रतिशत
भारत में विश्व स्तर पर महिला पायलट्स का सबसे अधिक प्रतिशत है। भारत में कुल पायलट्स में से 12.4% महिलाएं हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है, जबकि विश्व की सबसे बड़े एविएशन मार्केट माना जाने वाला अमेरिका में यह 5.5 प्रतिशत है। वहीं ऑस्ट्रेलिया का 7.5 प्रतिशत, कनाडा का 7 प्रतिशत और यूके में 4.7 प्रतिशत है।
भारत में 2,764 पायलट महिलाएं रजिस्टर्ड
वहीं कुछ समय पहले एक सवाल के जवाब में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री सेवानिवृत्त जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि भारत में 17,726 पंजीकृत पायलटों में से 2,764 पायलट महिलाएं हैं। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय भारत का एकमात्र विमानन विश्वविद्यालय है, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में संचालित होता है। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय और उससे जुड़े संगठनों ने देश में पायलटों के प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं।
विश्व में पांच प्रतिशत ही महिला पायलटों की हिस्सेदारी
बता दें कि देश में वूमेन इन एविएशन इंटरनेशनल (WAI) – इंडिया चैप्टर देश भर में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, उद्योग और प्रमुख महिला विमानन पेशेवरों के सहयोग से कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। खास तौर पर कम आय वाले परिवारों की स्कूली छात्राओं पर विशेष ध्यान देता है। वहीं विश्व स्तर पर, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ वुमेन एयरलाइन पायलट के अनुसार, लगभग पांच प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं।
भारत की पहली महिला पायलट
भारतीय एविएशन क्षेत्र में पायलट के अलावा महिलाएं अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए विमान इंजीनियर, अग्निशामक, ग्राउंड क्रू, हवाई अड्डे की सुरक्षा आदि के रूप में करियर बना रही हैं। गौरतलब हो कि कैप्टन निवेदिता भसीन इंडियन एयरलाइंस (अब एयर इंडिया) की भारत की महिला पायलट हैं। कैप्टन निवेदिता भसीन दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला जेट कमांडर बनीं, और ड्रीमलाइनर, बोइंग 787 को उड़ाने वाली दुनिया की पहली महिला एयरलाइन पायलट बनीं। हाल ही में, कैप्टन निवेदिता भसीन 37 वर्षों से अधिक समय के शानदार एयरलाइन फ्लाइंग करियर के बाद सेवानिवृत्त हुईं। निवेदिता एविएशन इंडिया चैप्टर में महिलाओं की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं।
कैप्टन जोया अग्रवाल को कौन नहीं जानता…
कैप्टन जोया अग्रवाल एयर इंडिया में कमर्शियल पायलट और कमांडर हैं। उनके साथ भारत के लिए सबसे लंबी नॉन-स्टॉप कामर्शियल फ्लाइट उड़ाने का रिकॉर्ड जुड़ा है। अभी वे एयर इंडिया की कैप्टन जोया सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु की फ्लाइट की कमान संभाल रही हैं। वह महिलाओं के लिए इन्स्पिरेशन हैं। बाद में वह यूएन एजेंसी फॉर वुमन की प्रवक्ता भी बनीं। जोया की उपलब्धियां शानदार हैं। हालांकि, ये कभी नामुमकिन सी थीं। जब उन्होंने पायलट बनने का सपना देखना शुरू किया था तो उनके सामने कोई रोल मॉडल नहीं था। फ्लाइट डेक में लड़कियों की एंट्री के बारे में सोचा तक नहीं जाता था। जोया अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। जोया ने बताया कहा, ‘जब पहली बार मैंने पायलट बनने की ख्वाहिश जाहिर की तो मेरी मम्मी रोने लगी थीं। वह सोच रही थी कि उनके ऐसी बेटी क्यों हुई?’ जोया ने 8 साल की उम्र में आसमान छूने का सपना देखना शुरू कर दिया था। वह पूरी दुनिया में बोइंग 777 विमान उड़ा रही हैं। उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज पर पूरा भरोसा था। इसी ने उनका मार्गदर्शन किया। प्रेरित किया कि कुछ भी असंभव नहीं है। बस कदम बढ़ाने की जरूरत है। जोया के कंधे पर एक टैटू गुदा है। इस पर लिखा है ‘बॉर्न टू फ्लाय’। 2004 में एयर इंडिया के साथ उन्होंने अपने सपनों की उड़ान को शुरू किया। तब नैशनल कैरियर में चंद महिलाएं ही पायलट थीं।