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बॉडीगार्ड रखने वालों की ‘दबंगई’ पर लगेगी लगाम, रोहतास व नालंदा एसपी ने कसा शिकंजा, क्या पूरे राज्य में खत्म होगी ये ‘हनक’?

पटना। बिहार में पुलिस कितनी भी सख्ती क्यों न कर लें, पैसे और रुतबे की ‘हनक’ दिखानेवाले लोग अपनी दबंगई से बाज नहीं आ रहे हैं। दरअसल, बॉडीगार्ड देने का नियम थोड़ा भारी-भरकम है, इसलिए लोग प्राइवेट एजेंसी से मोटे पैसे खर्च कर गार्ड लेते हैं और अपनी हनक दिखाते रहते हैं। पर, अब जल्द ही इनपर लगाम लगने वाली है। रोहतास व नालंदा के एसपी ने इनपर शिकंजा कसना शुरू भी कर दिया है। हालांकि, एक सवाल अब भी, कि राज्य के सभी जिलों में कब इनपर लगाम लगेगी?

एडीजी हेडक्वार्टर कुंदन कृष्णन के आते ही 24*7 एक्टिव हुई बिहार पुलिस

कड़क आईपीएस अफसर कुंदन कृष्णन के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) का पदभार संभालते ही राज्य के लोगों में यह संदेश चला गया है कि अब कानून-व्यवस्था और भी सुदृढ़ होने वाली है। सीनियर आईपीएस अफसर कुंदन कृष्णन का साथ दे रहे हैं पंकज दराद, जिन्होंने हाल में ही अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) का पद संभाला है। कुंदन कृष्णन जबसे दोबारा पुलिस मुख्यालय में आए हैं, तभी से पुलिसिया कामकाज में असर दिखने लगा है। अब रोहतास और नालंदा जिले के एसपी के इस फैसले के बाद लग रहा है वाकई पुलिसतंत्र और मजबूत होने वाला है। खबर है कि जल्द ही क्राइम मीटिंग होनेवाली है और राज्य के पुलिस अफसर्स को कई दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।

रोहतास में सुरक्षा के नाम पर बॉडीगार्ड व बाउंसर रखने वालों पर लगाम

रोहतास जिले में सुरक्षा के नाम पर बॉडीगार्ड और बाउंसर रखने वालों पर शिकंजा कसते हुए एसपी रौशन कुमार ने कहा है कि बिना अनुमति निजी सुरक्षा गार्ड या बाउंसर रखना अब किसी को भी भारी पड़ सकता है। पुलिस अधीक्षक रौशन कुमार ने कहा कि बाउंसर रखने वाले व्यक्ति को इसकी सूचना स्थानीय थाना को देनी होगी, सूचना मिलने के बाद पुलिस बाउंसर की तैनाती करने वाली एजेंसी और बाउंसर के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करेगी। बाउंसर के पास मौजूद हथियार और उसका लाइसेंस भी जांच के दायरे में आएंगे। एसपी के अनुसार अगर बाउंसर किसी घटना में शामिल पाया गया, तो उसे रखने वाले व्यक्ति के साथ-साथ बाउंसर के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

“जाहिद परवेज उर्फ कक्कू खान के साथ चार निजी बॉडीगार्ड के हथियार के साथ लैस हो कर सार्वजनिक स्थलों पर घूमने की शिकायत मिली थी. थाने बुलाकर जांच की गई. कोई भी जनप्रतिनिधि या माननीय निजी अंगरक्षक रख हथियार का सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शन करते हैं तो यह नियमों का सरासर उल्लंघन है. वैसे लोगों के विरुद्ध रोहतास पुलिस कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी.”

रौशन कुमार, एसपी, रोहतास

कक्कू खान के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद हरकत में आई पुलिस

दरअसल, पिछले हफ्ते रोहतास और आसपास के जिलों में ऐसे कई मामले सामने आए, जहां लोगों ने हथियारबंद निजी अंगरक्षक या बाउंसर के साथ सार्वजनिक स्थलों पर दबंगई दिखाई। डेहरी इलाके के सुभाष नगर निवासी जाहिद परवेज उर्फ कक्कू खान के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी, जिसमें बताया गया कि वह चार हथियारबंद बाउंसर के साथ सार्वजनिक स्थानों पर घूम रहा था। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की और कक्कू खान सहित अन्य चार लोगों को थाने बुलाकर पूछताछ की। एसपी ने स्पष्ट किया कि ऐसा करना कानून का उल्लंघन है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई होगी। रोहतास में बाउंसर रखने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। अपनी हनक और दबंगई दिखाने के लिए लोग बाउंसर रखते हैं। कई मामलों में ऐसे लोग बाउंसर लेकर थाने तक पहुंच जाते हैं। एसपी के नए आदेश के बाद पुलिस ने ऐसे लोगों की सूची तैयार करने और उन पर नजर रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

नालंदा में सभी थानाध्यक्षों व ओपी प्रभारियों को दिया गया सख्त आदेश

नालंदा जिले में भी सार्वजनिक स्थलों पर शस्त्रों का खुलेआम प्रदर्शन नहीं चलेगा। नालंदा के पुलिस अधीक्षक भरत सोनी ने सभी थानाध्यक्षों और ओपी प्रभारियों को कड़ा आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने निजी अंगरक्षक या बाउंसर के साथ सार्वजनिक स्थानों पर हथियार का प्रदर्शन करता है तो उसके खिलाफ शस्त्र अधिनियम-2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत शस्त्रों को जब्त कर लिया जाएगा और शस्त्र अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) को रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। एसपी ने बिहार निजी सुरक्षा एजेंसी नियम-2011 के तहत निजी सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों और उनके मालिकों के चरित्र की सख्त जांच का निर्देश भी दिया है। नियमों का उल्लंघन करने वाली निजी सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई व्यक्ति अपने निजी अंगरक्षक रखने के लिए वैध अनुमति रखता है या नहीं और यह भी जांचा जाएगा कि अंगरक्षक या बाउंसर को उपलब्ध कराने वाली संस्था पंजीकृत है या नहीं।

जिले में निजी अंगरक्षक या बाउंसर को साथ रखने और शस्त्र प्रदर्शन करने वाले लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। देखा गया है कि जिले में कई निजी अंगरक्षक प्रदाता कंपनी हैं, जो जीएसटी से रजिस्टर्ड नहीं हैं और इस तरह वे टैक्स अदा नहीं करते हैं तो लोगों को निजी कंपनी से अंगरक्षक लेने से पहले यह जांच करना आवश्यक है कि वे जिस कंपनी से अंगरक्षक ले रहे हैं, उसके पास पर्याप्त लाइसेंस और सभी वैध दस्तावेज हैं या नहीं।”
भरत सोनी, एसपी, नालंदा

कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मिलेगी मदद, अवैध शस्त्रों के प्रदर्शन पर भी शिकंजा

एसपी भरत सोनी ने इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि सभी संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा, जिसमें जीएसटी और आयकर पंजीकरण, अंगरक्षक के शस्त्र रखने की अनुमति और उनके आपराधिक पृष्ठभूमि का सत्यापन शामिल है। इन सभी विवरणों को एक अलग पंजी में संधारित किया जाएगा और थानाध्यक्ष तथा ओपी प्रभारी इसे दैनिक रूप से अनुश्रवण करेंगे। अंचल पुलिस निरीक्षक इसे हर सातवें दिन, जबकि अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी हर 15 दिन पर समीक्षा करेंगे। एसपी ने आदेश दिया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को इस संबंध में कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है। उनका मानना है कि इस कदम से जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी और अवैध शस्त्रों के प्रदर्शन पर काबू पाया जा सकेगा।

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