पटना : नाबालिग बच्चे को नशा देकर एक जज उसका यौन शोषण करता था। पीड़ित परिवार को अपने पद का रौब दिखाकर वह उन्हें एक महीने तक डराए रखा। इन 30 दिनों में उसने बच्चे के साथ कई बार गलत काम किया। इसमें जज का साथ कोर्ट के अन्य दो कर्मचारी दे रहे थे। मामला राजस्थान के भरतपुर का है। यहां एंटी करप्शन ब्यूरो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह गोलिया पर गंभीर आरोप लगे हैं। फिलहाल इन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। दरअसल, एक महीने ने मामले में यहां के मथुरा गेट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि जज एक महीने से उसके बेटे के साथ गलत काम कर रहे हैं। जज और दो कर्मचारियों पर धमकाने का भी आरोप लगाया। इन कर्मचारियों की पहचान अंशुल सोनी और राहुल कटारा के रूप में हुई है। अंशुल सोनी जज का स्टेनोग्राफर है। राहुल कटारा भी जज का स्टाफ है। मथुरा गेट थाने के एसएचओ रामनाथ ने कहा कि मामले की जांच रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंप दी गई है।
खाने के सामान में नशा मिलाता था जज
महिला ने अपने शिकायती-पत्र में बताया है कि एसीबी सर्किल अधिकारी परमेश्वर लाल यादव, अंशुल सोनी और राहुल कटारा के साथ मिलकर बच्चे की हत्या की धमकी देते थे। फिलहाल परमेश्वर लाल यादव सस्पेंड है। सूत्रों के अनुसार पीड़ित बच्चा शहर के कंपनी बाग स्थित डिस्ट्रिक्ट क्लब में टेनिस खेलने जाता है। क्लब में भरतपुर के कई अधिकारी और जज जितेंद्र गोलिया भी आते थे। जज ने वहां बच्चे से जान-पहचान बढ़ाई और फिर उसे अपने घर पर ले जाने लगे। इसके बाद खाने-पीने की चीजों में नशीला पदार्थ मिलाकर उसका यौन शोषण करते थे।