जानिए दुनिया की कौन सी वैक्सीन है सबसे कारगर, भारतीय वैक्सीन कितनी असरदार

कोरोना वायरस की रफ्तार अब भारत सहित अन्य देशों में कम होने लगी है। कोविड की दूसरी लहर कम होते ही हर जगह वैक्सीनेशन पर जोर हो गया है। वैक्सीनेशन के मामले में अभी भारत थोड़ा पीछे है, इसलिए यहां से अभी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। भारत में इस समय कोरोना की तीन वैक्सीन कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक वी को मंजूरी मिली है।

भारत में कोवैक्सीन व कोविशील्ड तो लोगों को दिया भी जा रहा है, पर स्पूतनिक अभी शुरू नहीं हुआ है। वहीं, दुनियाभर में करीब आठ वैक्सीन कोरोना खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल की जा रही हैं। देश में अभी तक कोविड-19 के कुल 23.88 करोड़ टीके लोगों को लगाए जा चुके हैं। मंगलवार को 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 13,32,471 लोगों को टीका की पहली खुराक दी गई और इसी आयु वर्ग के 76,723 लोगों को कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी गई।

आपको बता दें दुनियाभर में फैले इस कोरोना का सिर्फ वैक्सीन ही कारगर इलाज है। कोरोना के टीकों को लेकर भी कई तरह की जानकारी सामने आती रहती हैं। आज हम बता रहे हैं कि दुनिया भर में दी जा रही वैक्सीन में कौन सी वैक्सीन सबसे असरदार है।

Vaccination in India-Bihar Aaptak

फाइजर-बायोएनटेक
यह दो डोज़ वाली एमआरएनए वैक्सीन है, जो कोरोना खिलाफ 95% कारगर है। इसके साथ ही यह कोरोना के यूके वैरिएंट (B117), साउथ अफ्रीकी वैरिएंट (B1351) और ब्राजीली वैरिएंट (P1) के खिलाफ भी काफी असरदार है।

मॉडर्ना
फाइजर की तरह यह भी दो डोज़ वाली एमआरएनए वैक्सीन है, जो कोरोना खिलाफ 95% कारगर है। यह भी कोरोना के यूके वैरिएंट (B117), साउथ अफ्रीकी वैरिएंट (B1351) और ब्राजीली वैरिएंट (P1) के खिलाफ भी काफी असरदार है।

कोविशील्ड
यह दो डोज़ वाली वेक्टर वैक्सीन है। यह कोरोना खिलाफ जंग मे 70% कारगर है। इसके साथ ही कोरोना के यूके वैरिएंट (B117), साउथ अफ्रीकी वैरिएंट (B1351) के खिलाफ असरदार है, लेकिन ब्राजीली वैरिएंट (P1) के खिलाफ ज्यादा कारगर नहीं है।

जॉनसन एंड जॉनसन
यह दुनिया की अकेली सिंगल डोज़ वैक्सीन है। कोरोना खिलाफ जंग मे 66% कारगर है। कोरोना के यूके वैरिएंट (B117), साउथ अफ्रीकी वैरिएंट (B1351) और ब्राजीली वैरिएंट (P1) तीनों के खिलाफ कारगर है, लेकिन B1351 और P1 के खिलाफ ज्यादा असरदार नहीं है।

स्पुतनिक वी
यह भी कोविशील्ड की तरह दो डोज़ वाली वेक्टर वैक्सीन है। यह कोरोना खिलाफ जंग में 91% कारगर है। इसके क्लीनिकल ट्रायल सिर्फ रूस में ही हुए हैं, इसलिए अलग अलग वैरिएंट के खिलाफ इसका प्रभाव अभी तक पता नहीं है।

साइनोवैक बायोटेक
यह चीन की वैक्सीन है, यह भी दो डोज़ वाली वैक्सीन है जो कोरोना के खिलाफ 50% असरदार है। ब्राजील में हुए अध्ययन के मुताबिक यह P1 वायरस के खिलाफ भी 50% कारगर है।

नोवावैक्स
यह दो डोज़ वाली प्रोटीन आधारिक वैक्सीन है। यह कोरोना के खिलाफ 89% कारगर है। अलग अलग वैरिएंट की बात करें तो यह यूके और ब्राजील वैरिएंट के खिलाफ असरदार है।

कोवैक्सीन
यह भारत की स्वदेशी वैक्सीन है, इसके भी दो डोज़ दिए जाते हैं। यह कोरोना के खिलाफ 78% असरदार है। यह यूके वैरिएंट समेत कुछ अन्य वैरिएंट के खिलाफ भी कागगर है।

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