पटना। लालू प्रसाद एक बार फिर से दोषी पाए गए हैं। सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से निकासी के मामले में उन्हें दोषी करार दिया है और 21 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। हाल के दिनों में जेल से वापस आने के बाद लग रहा था कि लालू फिर से राजनीति में सक्रिय रहेंगे, पर इस फैसले ने सब पर पानी फेर दिया है। इधर, राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम में रोज हो रहे बदलाव में लग रहा था कि राज्य सरकार खतरे में आ सकती है, पर लालू के दोषी करार हो जाने के बाद अब सब खटाई में पड़ गया है। इधर, लालू ने अपने दोनों बेटों को एक साथ खड़े रहकर विपक्ष की भूमिका निभाने का कहा है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के निर्देश के बाद कई दिनों बाद लालू प्रसाद के दोनों बेटे पूर्व उप मुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव पॉलिटिकल कार्यक्रम में साथ दिखे। खबर है कि लालू ने निर्देश दिया है कि दोनों भाईयों को एकजुट होकर काम करना है ताकि विरोधियों को कोई मौका नहीं मिल पाए। राजद सुप्रीमो ने होटल मौर्या में हुई राजद कार्यकारिणी की बैठक में भी तेज प्रताप को बैठाया था।
अब राबड़ी देवी के पटना स्थित सरकारी आवास में समस्तीपुर में एमएलसी चुनाव के लिए उम्मीदवार के चयन के लिए हुई बैठक में तेज प्रताप नजर आए। तेजस्वी ने आवास पर पहुंचे माध्यमिक और उच्च माध्यमिक नियोजित शिक्षक अभ्यर्थियों से जब मुलाकात की उस समय भी वह साथ थे। इससे पहले भी तेज प्रताप कहते रहे हैं कि वे सारथी कृष्ण की भूमिका में हैं और उनका छोटा भाई तेजस्वी यादव अर्जुन हैं, लेकिन बीते कुछ महीनों में उन्होंने कई बार ऐसे बयान दिए, जिससे दोनों भाइयों के बीच दूरी दिखने लगी। बहुत दिनों तक दोनों भाई साथ दिखते भी नहीं थे।
छात्र राजद में आकाश की मनमानियां जब बढ़नी लगीं और उन्होंने राजद कार्यालय में आयोजित छात्र राजद की बैठक में लगाए पोस्टर से तेजस्वी की फोटो हटाकर खुद अपना फोटो लगा लिया, तब बात काफी बढ़ गई। उसी आयोजन में तेज प्रताप ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को हिटलर कह दिया था और मामला तेज हो गया था।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार लालू प्रसाद ने रांची से ही निर्देश दिया है कि एकजुट होकर सामाजिक न्याय और आपसी सदभाव की लड़ाई लड़नी है। राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है और इसका जनाधार पंचायतों तक है, इसलिए एकजुट होकर इसे और मजबूत बनाना है। पंचायत चुनाव में राजद के समर्थक ही बड़ी संख्या में जीत कर आए हैं।