पटना। बिहार में पंचायत चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। उम्मीदवार अपनी-अपनी गोटी अभी से सेट करने में लग गए हैं। कोई किसी तरह खुद को सेट करना चाह रहा है, तो कोई अपनी पत्नी या मां को खड़ा कर मुखिया बनना चाह रहा है। खेला तो तब गजब हुआ, जब एक शख्स ने मुखिया चुनाव लड़ने के लिए बिना लगन रातोंरात शादी कर ली। वह खुद चुनाव नहीं लड़ सकता था, तो नई नवेली दुल्हन को खड़ा करने के लिए शादी ही कर ली।
पंचायत चुनाव को लेकर अभी अजीबोगरीब मामला भी सामने आने लगे हैं।एक युवक ने सिर्फ इस कारण से बिना लगन शादी कर ली, क्योंकि उसका जाति प्रमाण पत्र किसी कारण से नहीं बन पाया था। दरअसल, यह मामला गया जिले के खिजरसराय प्रखंड के होरमा पंचायत के बिंदौल गांव का है जहां आदित्य कुमार उर्फ राहुल कुमार नाम का एक शख्स काफी लंबे समय से पंचायत चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन गांव का मुखिया बनने का सपना उसे पूरा होता नजर नहीं आ रहा था। नामांकन के लिए जाति प्रमाण पत्र जरूरी था लेकिन उसका प्रमाण पत्र बन नहीं पाया था। कारण के तौर पर बताया गया कि जमीन से संबंधित खतियान में उसके नाम के साथ दांगी शब्द का उल्लेख नहीं है, इसलिए उनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन सकता है।
जाति प्रमाण पत्र बनवाने के बदले उस शख्स को एक उपाय सूझा। उसने शादी करने का फैसला कर लिया। राहुल नामक शख्स ने बिना लगन और बैंड-बाजा के ही सूर्य मंदिर में शादी रचा ली। राहुल की पत्नी सरिता कुमारी खिजरसराय प्रखंड के नौडिहा गांव की रहने वाली है। सूर्य मंदिर में हुई इस शादी में वर-वधु दोनों पक्ष के लोग मौजूद थे। दुल्हन के पास जाति प्रमाण पत्र है, इसलिए वह चुनाव लड़ सकेगी।
गांववालों के अनुसार राहुल ने अपनी नई-नवेली पत्नी का मुखिया पद के लिए नामांकन कराने का फैसला किया है। उसके पड़ोसी के अनुसार राहुल चुनाव लड़ने की तैयारी को लेकर काफी दिनों से गांव-गांव, टोला-टोला घूम रहा था, लेकिन अचानक अपने जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाने की खबर सुनकर वह परेशान हो गया था। लोगों का कहना है कि वह हर हाल में चुनाव लड़ना ही था। अब इस शादी को चुनावी शादी कहा जा रहा है और इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। ऐसे कई खबरें हर रोज सुनने को मिल रही हैं।