मैट्रिक रिजल्ट : पिछली बार से 2.42% कम छात्र हुए पास, 12.93 लाख उत्तीर्ण

पटना : बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में इस साल 78.17 प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए हैं। यह पिछले साल के रिजल्ट से 2.42 प्रतिशत कम है। पिछले साल 80.59 प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए थे। इस साल 16.57 लाख छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी। इनमें 12.93 लाख परीक्षार्थी पास हो गए हैं। खास बात है कि स्टेट टॉपर के टॉप-10 में पहली बार 101 विद्यार्थी हैं। वहीं, स्टेट टॉपर जमुई स्थित सिमुलतला आवासीय विद्यालय की छात्रा पूजा कुमारी और शुभदर्शिनी और रोहतास के बददेव हाईस्कूल दिनारा के संदीप कुमार हैं। इन तीनों को 500 की परीक्षा में 484 अंक आए हैं। सेकंड टॉपरों में 7 विद्यार्थी हैं। इन्हें 483 अंक मिले हैं। तीसरे नंबर पर एक विद्यार्थी है। इसे 482 अंक आए हैं। बता दें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से दोपहर 3:30 बजे रिजल्ट जारी किया गया। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रिजल्ट जारी किया। इस दौरान शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार और बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर भी थे।

देश में सबसे पहले दिया रिजल्ट, टॉपरों को देगा लैपटॉप
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 10वीं का रिजल्ट देश में सबसे पहले दिया है। बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि पिछले तीन साल है हमलोग मैट्रिक का रिजल्ट देश में सबसे पहले जारी कर रहे हैं। इस बार परीक्षार्थियों की कॉपी जांच 25 दिनों में पूरी की गई है। बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि स्टेट टॉप-10 में जगह बनाने वाले सभी 101 टॉपरों को बिहार बोर्ड लैपटॉप देगा। साथ ही पहले तीन स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को एक-एक किंडल ई-बुक रीडर भी दिया जाएगा। इसके अलावा पहले स्थान पर रहने वाले तीन छात्रों को एक-एक लैपटॉप के साथ ही एक-एक लाख रुपए भी दिए जाएंगे।

स्क्रूटिनी के लिए 11 अप्रैल से कर सकते हैं आवेदन
अपने रिजल्ट से असंतुष्ट विद्यार्थी 11 अप्रैल से स्क्रूटिनी के लिए आवेदन कर सकते हैं। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि स्क्रूटिनी के लिए 16 अप्रैल तक आवेदन लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार की परीक्षा में 8 लाख 29 हजार 278 छात्र शामिल हुए थे। इनमें 6 लाख 76 हजार 518 छात्र पास हुए हैं। इसी तरह 8 लाख 24 हजार 893 छात्राएं परीक्षा में शामिल हुईं। इनमें 6 लाख 16 हजार 536 छात्राएं पास हुईं हैं। जबकि फर्स्ट डिवीजन से 4 लाख 13 हजार 087 विद्यार्थी पास हुए हैं। वहीं, 5 लाख 615 विद्यार्थी सेकेंड डिवीजन से पास हुए हैं।

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