पटना। बिहार में भाजपा को सत्ता से बेदखल कर महागठबंधन से हाथ मिलाने के बाद नीतीश कुमार अब केंद्र की राजनीति में सक्रिय होते दिख रहे हैं। हालांकि जदयू की तरफ से अब बार-बार यह बयान दिया जा रहा है कि पीएम कैंडिडेट के तौर पर नीतीश का नाम न लिया जाए, पहले विपक्षी दल तय करेंगे फिर नाम तय होगा। पर, अंदरखाने की मानें तो पार्टी अपनी कोशिश लगातार जारी रखी हुई है कि नीतीश कुमार ही विपक्ष की तरफ से पीएम उम्मीदवार का चेहरा बनें।
अपने इसी केंद्रीय राजनीति के तहत मुख्यमंत्री आज से 2 दिनों के दिल्ली दौरे पर रहेंगे। दिल्ली जाने से पहले उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की है। जनता दरबार कार्यक्रम के बाद दोपहर वे राबड़ी आवास पर गए और लगभग 25 मिनट की मुलाकात की। उन्होंने मीडिया से कहा कि दिल्ली जाने से पहले अनौपचारिक मुलाकात की है। विपक्षी एकता को लेकर हमने बात की है। मुख्यमंत्री विपक्षी एकता की मुहिम को मजबूत करने के लिए आज दिल्ली जाएंगे। आज ही राहुल गांधी से मुलाकात हो सकती है।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि तीसरे मोर्चे को लेकर विपक्षी दलों में काफी जोश है। हर दल दिल से चाहता है कि भाजपा के खिलाफ एक तीसरा मोर्चा तैयार हो। इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार विपक्षी नेताओं से मिलते रहेंगे। त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री उम्मीदवार नहीं हैं। वो विपक्षी एकजुटता का चेहरा होंगे। इसके लिए ममता बनर्जी, स्टालिन, अखिलेश यादव, शरद पवार सहित कई नेता हैं, जिनसे बाद के दिनों में नीतीश कुमार मिलते रहेंगे।
खबर है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, लेफ्ट पार्टी के नेताओं से भी मुलाकात संभव है। 7 सितंबर को राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति से मिलने का समय तय हुआ है। एक दिन पहले जदयू की कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने की बात कही थी। मुख्यमंत्री दिल्ली में ओम प्रकाश चैटाला के परिवार के सदस्यों के साथ मुलाकात करेंगे। सीताराम येचुरी सहित वामदल के नेताओं के साथ भी मुख्यमंत्री की मीटिंग होनी है। अपनी इस यात्रा में विपक्षी नेताओं को एकजुट कर एक मंच पर लाने की कवायद में नीतीश कुमार का यह पहला कदम होगा।