पटना : बिहार के मुख्यमंत्री पद की नीतीश कुमार ने सातवीं बार शपथ ली। सोमवार को राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में उनके साथ दो उप मुख्यमंत्री और 12 मंत्रियों ने अपने पद की शपथ ली। राज्यपाल फागू चौहान ने सभी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर श्रीकृष्ण सिंह के बाद दूसरे नंबर पर आ गए हैं। बिहार केशरी श्रीकृष्ण सिंह स्वतंत्र भारत में 11 साल 5 दिन मुख्यमंत्री रहे और इनका पूरा कार्यकाल 17 साल 52 दिन का है। वहीं, नीतीश कुमार 14 साल 27 दिन मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अगले तीन साल से भी कम समय में वह श्रीकृष्ण सिंह के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे।
मंत्रिमंडल में नौ नेता पहली बार मंत्री बने
नीतीश कुमार के नए मंत्रिमंडल में 15 मंत्री हैं। इनमें 9 ऐसे हैं, जो पहली बार मंत्री बने हैं। इनमें भाजपा के सात, जदयू से छह और हम और वीआईपी से एक-एक नेता हैं। भाजपा के सात में से पांच नेता पहली बार मंत्री बने हैं। वहीं, सबसे युवा मंत्री मुकेश सहनी हैं। जबकि विजेंद्र यादव और मेवालाल चौधरी सबसे उम्रदराज मंत्री हैं।
मेवालाल चौधरी की संपत्ति सबसे अधिक
नए मंत्रिमंडल के 14 में से 12 मंत्री करोड़पति हैं। सबसे अधिक संपत्ति मेवालाल चौधरी की है। इनकी संपत्ति 12.31 करोड़ की है। इन पर आठ केस भी दर्ज हैं। जबकि सबसे कम संपत्ति अशोक चौधरी की है। इनके पास 8252313 रुपए की अचल संपत्ति है।
सबसे अधिक पिछड़ा वर्ग के मंत्री
अब तक सबसे अधिक पिछड़ा वर्ग से मंत्री बनाए गए हैं। पिछड़ा वर्ग में नीतीश कुमार, तारकिशोर प्रसाद, विजेंद्र यादव, डॉ. मेवालाल चौधरी, रामसूरत कुमार शामिल हैं। अतिपिछड़ा वर्ग में रेणु देवी, शीला कुमारी और मुकेश सहनी हैं। दलित में डॉ. अशोक चौधरी, मनोज कुमार सुमन और रामप्रीत पासवान शामिल हैं। सवर्ण में विजय कुमार चौधरी, मंगल पांडेय, अमरेंद्र प्रताप सिंह और जीवेश कुमार हैं।
जदयू ने 3 और भाजपा ने 2 पुराने मंत्रियों को रखा
नए मंत्रिमंडल में जदयू ने तीन और भाजपा ने दो मंत्रियों को शामिल किया है। जदयू ने विजेंद्र यादव, डॉ. अशोक चौधरी और विजय कुमार चौधरी को फिर मंत्री बनाया है। भाजपा ने मंगल पांडेय और रेणु देवी को एक बार फिर मंत्री बनाया है। मंगल पांडेय एनडीए सरकार स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं और रेणु देवी कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री रह चुकी हैं।
पहली बार सुशील मोदी मंत्रिपरिषद में नहीं
भाजपा नेता सुशील मोदी पहली बार मंत्रिपरिषद में नहीं हैं। एनडीए की सरकार में वह हमेशा उप मुख्यमंत्री रहे हैं। इस बार भाजपा ने दो नेताओं को उप मुख्यमंत्री बनाया। इसमें तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को शामिल किया गया। इधर, सुशील मोदी को मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किए जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी कमी खलेगी, लेकिन यह निर्णय भाजपा का है। वहीं, सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को बधाई दी। ट्वीट किया-नीतीश कुमार के 7वीं बार बिहार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर हार्दिक बधाई। आपके नेतृत्व में बिहार और आगे बढ़ेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहयोग बिहार को हमेशा मिलता रहेगा।