नियोजित शिक्षकों को सौगातों की बारिश, वेतन वृद्धि व प्रमोशन का मिलेगा फ़ायदा

स्वतंत्रता दिवस के दिन गांधी मैदान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणाओं पर अमल करते हुए मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में नियोजित शिक्षकाें की सेवा शर्तों में बदलाव पर मुहर लगायी गयी. इसके अनुसार नियोजित शिक्षकों के वेतन में अगले साल एक अप्रैल से 15% की बढ़ोतरी की जायेगी. संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों के लिए भी वेतन मेंं संशोधन किया गया है. इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को अगले महीने (एक सिंतबर) से इपीएफ का भी लाभ मिलेगा. दिव्यांग और महिला शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों का सेवा में एक बार दूसरे जिले में भी तबादला हो सकेगा. पुरुष शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए दूसरे जिले में म्यूचुअल तबादले का प्रावधान किया गया है.

कैबिनेट की बैठक के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन और वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि सरकार इसी साल से ही शिक्षकों को बढ़ा हुआ वेतन देना चाहती थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण कर राजस्व में 33% से अधिक कमी हुई है. इसलिए अगले वर्ष पहली अप्रैल से नियोजित शिक्षकों को वेतन बढ़ोतरी का लाभ मिल सकेगा.
राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों को प्रोमोशन देने का भी निर्णय लिया है. नियोजित शिक्षकों की योग्यता के आधार पर उन्हें ऊपरी कक्षाओं के लिए रिक्त 50% पदों पर प्रोमोशन दिया जायेगा. नियोजित शिक्षकों को प्रधानाध्यापक और प्रिंसिपल बनने का भी रास्ता साफ हो गया है. इसके तहत सुयोग्य प्राथमिक नियोजित शिक्षकों का मिडिल स्कूल में आधे पदों पर प्रोमोशन दिया जायेगा. उन्हें प्रधानाध्यापक भी बनाया जायेगा. मिडिल के नियोजित शिक्षकों को योग्यता के आधार पर हाइस्कूलों में खाली पद पर प्रोमोशन और प्रधानाध्यापक के पद पर तैनाती हो सकेगी. इसी प्रकार हाइस्कूल के शिक्षकों को योग्यता के आधार पर इंटर स्कूलों में प्रिंसिपल के पद पर और शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति का अवसर मिलेगा. इनके वेतन समायोजन को लेकर वित्त विभाग अलग से निर्णय करेगा. सरकार शिक्षकों को पे प्रोटेक्क्शन देगी.
महिला शिक्षकों को अब 180 दिनों का मातृत्व अवकाश मिलेगा. अब तक उन्हें 135 दिनों का मातृत्व अवकाश मिल रहा है. यह बढ़ कर 180 दिनों का हो जायेगा. पुरुष शिक्षकों को भी पितृत्व अवकाश के तौर पर 15 दिनों की छुट्टी मिलेगी.
तीन साल की सेवा के बाद स्टडी लीव का लाभ
नियोजित शिक्षकों को अब तीन साल की सेवा के बाद ही स्टडी लीव (अध्ययन अवकाश) का लाभ मिलेगा. वर्तमान में सात साल की सेवा पूरा करने के बाद ही उन्हें यह लाभ मिलता था. सेवा शर्तों में संशोधन के बाद तीन साल की सेवा के बाद शिक्षक इसका लाभ उठा सकेंगे. स्टडी लीव अवैतनिक होगा.
साल में 11 दिनों का अर्जित अवकाश
शिक्षकों को प्रतिवर्ष 11 दिनों का अर्जित अवकाश मिलेगा. इसे 120 दिनों तक संचित कर सकेंगे. शिक्षकों को समय से वेतन मिलेगा. शिक्षक संघों की मांगों के अनुरूप सरकार ने अधिकतर जिलों में भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से ही उनके वेतन भुगतान का निर्णय लिया है.
आश्रितों को मिलेगी अनुकंपा के आधार पर नौकरी
नियोजित शिक्षकों के आश्रितों की अनुकंपा पर नियुक्ति की मांग भी सरकार ने मान ली है. अब उनके परिजनों को ऐसे मामले में योग्यता के आधार पर वर्ग तीन और चार के पदों पर नियुक्ति हो सकेगी. सरकार इसके लिए नये पदों का सृजन करेगी. इनमें से 50% पद नियोजित शिक्षकों के आश्रितों के लिए अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए सुरक्षित रखेगी.
खजाने पर बढ़ेगा सालाना 2750 करोड़ का बोझ
नियोजित शिक्षकों के वेतन वृद्धि और इपीएफ में पैसा जमा करने पर राज्य सरकार के खजाने पर सालाना 2765 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. 815 करोड़ इपीएफ के लिए और वेतन बढ़ाेतरी के लिए 1950 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
गेस्ट टीचर को साल भर की सेवा के बाद नियुक्ति में पांच अंक का ग्रेस
सरकार ने सेवा शर्तों में चार हजार अतिथि शिक्षकों को भी राहत दी है. स्कूलों में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों को एक साल की सेवा के बाद नियुक्ति में पांच अंकों का ग्रेस दिया जायेगा.

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