24 से देश में लागू होगी स्वामित्व योजना, प्रॉपर्टी से जुड़ा सारा विवाद हो जाएगा खत्म

पटना : 24 अप्रैल से देश भर में स्वामित्व योजना लागू हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंचायती राज दिवस पर इसका शुभारंभ करेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह योजना शुरू हो रही है। इसके तहत सभी गांवों की संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी। इसके बाद गांव के लोगों के खेत और घर का सही लेखा-जोखा मिलेगा और हकदार को मालिकाना का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। इसके साथ ही संपत्ति को लेकर सभी भ्रांतियां दूर हो जाएंगी। केंद्रीय पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि स्वामित्व योजना ऐतिहासिक बदलाव लाने वाली है। इसके लागू होने के साथ गांवों की दशा और दिशा बदल जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान पायलट फेज अंतर्गत स्वामित्व योजना 9 राज्यों में लागू होगी। इनमें उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में लागू की गई थी। अब तक देश भर के 2,481 गांवों में तीन लाख से अधिक परिवारों को उनकी संपत्ति के अधिकार पत्र दिए जा चुके हैं। संपत्तियों के सटीक सर्वे के लिए अब तक देश में लगभग 40,514 गांवों में ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण किया गया है। कुल 567 कोर्स नेटवर्क स्टेशन बनाए जाने हैं। इनमें से 210 का काम पूरा हो चुका है।

2025 तक योजना को पूरा करने का लक्ष्य
पंचायती राज व ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पंचायती राज मंत्रालय समेत विभिन्न मंत्रालयों और संस्थानों के अधिकारियों के साथ स्वामित्व योजना की प्रगति की समीक्षा की। 2025 तक यह महत्वाकांक्षी योजना पूरी होनी है, इसलिए सभी संबंधित मंत्रालय और राज्य इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एक रोडमैप बनाकर चरणबद्ध तरीके से लक्ष्य तय कर काम पूरे करें।

प्रॉपर्टी का मिलेगा मालिकाना हक
मंत्री ने कहा कि अब तक गांववासियों के पास उनके आवास के मालिकाना हक से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं थे। स्वामित्व योजना के तहत प्रॉपर्टी कार्ड के माध्यम से गांवों के लोग अब बिना किसी विवाद की संपत्ति खरीद और बेच पाएंगे। प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद गांवों में लोगों के अपने घर पर होने वाले कब्जे की आशंका समाप्त हो जाएगी। गांवों के घरों की संपत्ति के आधार पर नौजवान बैंक से कर्ज लेकर अपना भविष्य बना पाएंगे। ड्रोन जैसी नवीनतम टेक्नालाजी से जिस प्रकार मैपिंग और सर्वे किया जा रहा है। उससे हर गांव का सटीक लैंड रिकॉर्ड भी बन पाएगा।

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