पटना के हाइकोर्ट मोड़ के पास बीते बुधवार को सड़क दुर्घटना में घायल राष्ट्रीय स्तर की जानी मानी टेबल टेनिस खिलाड़ी प्रिया कुमारी ब्रेन हैमरेज की शिकार होकर चौथे दिन भी जिंदगी और मौत से जूझती रही, लेकिन, उसे धक्का मारकर घायल करने वाला वाहन कौन चला रहा था, यह अब तक नहीं सामने आया है. धक्का मारने वाली काले रंग की नेक्सोन गाड़ी पर एक राजनीतिक दल का झंडा लगा था और बिना नंबर प्लेट की यह गाड़ी पूरी तरह नयी है. चूंकि दुर्घटना स्थल से ही वाहन को जब्त करने में पुलिस को सफलता मिली थी. लिहाजा वीआइपी मामला होने के कारण इसे दबाने की भी चर्चा रही.
ट्रैफिक थाना गांधी मैदान में वाहन को रविवार को तिरपाल द्वारा ढक दिये जाने से भी इस चर्चा को हवा मिली है. मामले में गांधी मैदान ट्रैफिक थानाध्यक्ष ने गाड़ी मालिक के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही. ट्रैफिक एसपी व अन्य वरीय अधिकारियों से प्रयास के बावजूद संपर्क नहीं हो सका.
प्रिया के पिता जगदीश प्रसाद सिन्हा ने बताया कि भवन निर्माण विभाग में निम्न वर्गीय लिपिक के पद पर कार्यरत उनकी पुत्री बुधवार की शाम दफ्तर से कदमकुआं स्थित अपने निवास पर जा रही थी. इसी दौरान हाइकोर्ट मोड़ के पास बोरिंग रोड की ओर से आ रही गाड़ी ने उसके होंडा एक्टिवा स्कूटी को पीछे से टक्कर मार दी थी.
इसमें वह सड़क पर एक ओर गिर गयी थी और उसे धक्का मारने वाला गाड़ी छोड़कर भाग गया था. बाद में उसी गाड़ी से पुलिस ने प्रिया को पीएमसीएच पहुंचाया. दो दिनों तक उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर परिजन उसे पीएमसीएच से तारा नर्सिंग होम में लेकर आये. हालांकि अब भी उसकी स्थिति गंभीर है. प्रिया के पिता ने इस बात पर भी हैरानी व्यक्त की कि अब तक ट्रैफिक पुलिस यह बताने में भी समर्थ नहीं है कि किसने धक्का मारा था जबकि वाहन के चेसिस नंबर के आधार पर पुलिस आसानी से पहुंच सकती है.
इधर, इस मामले को लेकर पटना से दिल्ली तक के पत्रकारों ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से न्याय की गुहार लगाई है. जी हिंदुस्तान के पत्रकार अमित कुमार ने इस खबर की लिंक व वीडियो अपने फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा है कि बिहार की जानी मानी टेबल टेनिस खिलाड़ी प्रिया कुमारी के साथ हिट एंड रन की घटना 3 जून को हुई थी. आज 8 जून है. हादसे को अंजाम देनेवाली जेडीयू का झंडा लगी कार पुलिस के कब्जे में है. पुलिस अब तक ये क्यों नहीं पता कर पाई है कि प्रिया को टक्कर मारने वाली, तेज रफ्तार टाटा नेक्सॉन कार को कौन चला रहा था ? वो कौन था जिसकी वजह से प्रिया अब भी आईसीयू है. कार की चाबी पुलिस के पास है तो क्या कागजात और चेसिस नंबर से इसका खुलासा नहीं हो सकता ? डीजीपी महोदय क्या इसी तरह बिहार में कानून का इकबाल मजबूत होगा. जो सच है उसे बताने में इतनी देरी क्यों ?
उनके इस पोस्ट पर कई पत्रकारों ने कमेंट कर डीजीपी से न्याय की गुहार लगाई है. राजेश कुमार लिखते हैं कि डीजीपी सर, प्लीज मदद चाहिए, वहीं अमिताभ भूषण ने लिखा है कि गुप्तेश्वर पांडेय जी, आपसे न्याय की अपेक्षा है. समयबद्ध न्याय भरोसे के लिए जरूरी है. वहीं, संजीत नारायण मिश्रा ने लिखा है कि अब जब इतना पता होने के बाद भी जांच नहीं होगी, आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होगी, फिर क्या समझेगी जनता. बिहार में अब भी सबकुछ ऐसे ही चलता है.
2020-06-08