Rahul Gandhi disqualified as Lok Sabha MP

सांसदी जाने पर राहुल गांधी ने कहा-मेरा नाम सावरकर नहीं गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता

लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद पहली बार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मीडिया के सामने आए। इस दौरान उन्होंने खुलकर अपनी बात रखते हुए कहा कि वे लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं और डरने वाले नहीं हैं। राहुल ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं, गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अडाणी समूह से जुड़े सवालों से ध्यान भटकाने के लिए उन पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगा रही है।

मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता चली गई है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो वह दोषी करार दिए जाने की तारीख से सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएगा। सजा की अवधि पूरी होने के छह साल बाद तक उसके चुनाव लड़ने पर भी रोक रहेगी।

अडानी समूह में 20 हजार करोड़ रुपये किसका?


राहुल गांधी ने कहा, असली सवाल यह है कि अदाणी समूह में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वो पैसा किसका है? उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह फिर से सदन में अडाणी मामले पर बोलेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा, अदाणी जी की शेल कंपनी हैं, उनमें 20 हजार करोड़ रुपया किसी ने निवेश किया है, ये पैसे किसके हैं? यह सवाल मैंने पूछा। मोदी जी और अडाणी जी के रिश्ते के बारे में पूछा। मेरी बातों को सदन की कार्यवाही से हटाया गया।

अडानी मामले से ध्यान भटकाने के लिए हो रहा खेल


राहुल गांधी ने ओबीसी समुदाय के अपमान करने के भाजपा के आरोप पर कहा कि मैंने हमेशा भाईचारे की बात की है, यह (मोदी सरनेम पर टिप्पणी मामला) ओबीसी के बारे में नहीं है। अयोग्य ठहराने, मंत्रियों द्वारा आरोप लगाने का पूरा खेल अदाणी मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए खेला गया। अगर वे मुझे स्थायी रूप से भी अयोग्य करार दे देते हैं तब भी मैं अपना काम करता रहूंगा। मैं यहां भारत के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज की रक्षा करने के लिए हूं। ऐसा करता रहूंगा, मैं किसी से नहीं डरता।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जानबूझकर देश के ओबीसी समुदाय को अपमानित किया है। गुवाहाटी में पत्रकारों से बातचीत में उन्‍होंने कहा, “कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक चुनावी भाषण के दौरान जानबूझकर ओबीसी समुदाय को अपमानित किया। उन्हें समुदाय से माफी मांगनी चाहिए, पर उन्होंने अपने बयान के लिए समुदाय से माफी नहीं मांगी, जो एक नेता के अहंकार को दर्शाता है।

झूठा आरोप लगाया गया, मुझे बोलने नहीं दे रहे


राहुल गांधी ने कहा, मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला, जबकि मैंने कोई ऐसी बात नहीं की थी जिसका दावा किया गया था। मैंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि मुझे जवाब देने का मौका मिले। मैं स्पीकर के चैंबर में गया। मैंने कहा कि यह कानून है, नियम है। इन लोगों ने झूठा आरोप लगाया है। आप मुझे बोलने क्यों नहीं दे रहे? स्पीकर साहब मुस्कुराए और उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कर सकता।

अयोग्य ठहराए जाने से मुझे फर्क नहीं पड़ता


राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मुझे अयोग्य ठहराया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री मेरे अगले भाषण से डरे हुए थे जो अदाणी पर होने वाला था। मैंने उनकी आखों में यह डर देखा है।’’ उन्होंने कहा कि मुझे सदस्यता मिले या नहीं मिले। मुझे स्थायी रूप से अयोग्य ठहरा दें, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि संसद के अदंर रहूं या नहीं रहूं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था। मैं सच्चाई को देखता हूं, सच्चाई बोलता हूं। यह बात मेरे खून में है…यह मेरी तपस्या है, उसको मैं करता जाऊंगा। चाहे मुझे अयोग्य ठहराएं, मारे-पीटें, जेल में डालें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझे अपनी तपस्या करनी है।’’ उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह सदन में अडाणी मामले पर अपना अगला भाषण देने वाले थे।

मेरा नाम गांधी है, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता


विपक्षी एकता के मुद्दे पर राहुल ने कहा कि मेरा समर्थन करने के लिए मैं सभी विपक्षी दलों का आभार व्यक्त करता हूं, हम सभी मिलकर काम करेंगे। सरकार द्वारा घबराहट में की जा रही कार्रवाई से विपक्ष को फायदा मिलेगा। राहुल से जब एक पत्रकार ने मानहानि मामले में माफी मांगने को लेकर सवाल किया तो राहुल ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता।

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