पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन-4 की घोषणा कर दी। लेकिन, मजदूरों की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। मजदूरों की घर वापसी की बेबस तस्वीरें हर दिन सामने आ रही हैं। एक ऐसी ही घटना मध्यप्रदेश के बालाघाट से जुड़ी है। जहां हैदराबाद में नौकरी करने वाला मजदूर अपनी प्रेग्नेंट पत्नी और बेटी के साथ पैदल घर के लिए निकल पड़ा। आठ महीने की प्रेग्नेंट पत्नी की परेशानी को देखकर लकड़ी की गाड़ी बनाई और 800 किलोमीटर के सफर पर निकल गया। मजदूर लकड़ी की इस गाड़ी को खींचकर 800 किलोमीटर तक खींचकर लाया। राम बाबू ने बताया कि हैदराबाद से बालाघाट पहुंचने में उन्हें 17 दिन लग गए।
पुलिस ने दो साल की बेटी को चप्पल और बिस्किट दिया
मजदूर राम बाबू ने बताया कि रजेगांव की सीमा पर हमें आता देखकर पुलिस ने मेरी दो साल की बेटी को चप्पल और खाने के लिए बिस्किट दिया, साथ ही घर तक जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था कर दी।