Shivanand Tiwari on Nitish Kumar-Bihar Aaptak

भाजपा अगर नीतीश को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाना चाहती है तो विपक्ष को क्या एतराज होगा: शिवानंद तिवारी

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर अचानक से चर्चा तेज हो गई है। इस अफवाह पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मुझे नहीं लगता है कि ऐसा पाॅसिबल है। क्योंकि अगर ऐसा होता है तो नीतीश कुमार को भाजपा से अलग होना पड़ेगा।

अपने फेसबुक पोस्ट में शिवानंद तिवारी ने लिखा कि राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश कुमार के नाम की चर्चा पता नहीं कहाँ से शुरू हुई। भारतीय जनता पार्टी अगर उनको राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाना चाहती हो तो इसमें विपक्ष को क्या एतराज हो सकता है। जहाँ तक विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उनको पेश करने की बात होती है तो वह मुझे असंभव दिखाई देता है. क्योंकि उस हालत में तो नीतीश कुमार को भारतीय जनता पार्टी से अलग होना होगा. क्या यह मुमकिन है?

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शिवानंद तिवारी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि यहां याद करें कि नीतीश कुमार की नरेन्द्र मोदी के प्रति क्या धारणा थी और क्या संकल्प लेकर ये उनसे अलग हुए थे? आज उन्हीं नरेंद्र मोदी द्वारा सच्चे समाजवादी होने के प्रमाण पत्र को जो व्यक्ति अपने ऊपर उनकी कृपा मानता हो वह भाजपा से अलग हो सकता है? कोई इसकी कल्पना भी कैसे कर सकता है। इसके अलावा यह भी देखने की बात है कि राष्ट्रपति सेना के तीनों अंगों का सर्वोच्च कमाण्डर होता है। यह भी विचारणीय है कि सेना का सर्वोच्च कमांडर क्या ऐसा होना चाहिए जो अपने सार्वजनिक जीवन में हर चुनौती के सामने घुटने टेकता आया है! जो अपने संकल्पों पर टिकता नहीं हो! ऐसा व्यक्ति संकट के समय हमारी सेना को अनुप्राणित कैसे कर सकता है।

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