आज से कुछ शर्तों के साथ खुलीं दुकानें, पटना में अभी छूट नहीं

पूरी दुनिया अभी भी कोरोना के कहर से कराह रही है। अब तक पूरे विश्व में कोरोना से लगभग दो लाख लोगों की जान जा चुकी है, भारत में भी यह आंकड़ जल्द ही आठ सौ तक पहुंचने वाला है। इधर, कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए देशभर में लगाए गए लॉकडाउन का एक महीना भी पूरा हो गया है। केंद्र सरकार धीरे-धीरे इसमें छूट दे रही है। हालांकि राजधानी पटना में दुकानदारों को अभी ऐसी कोई छूट नहीं दी जाएगी। शाम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक करेंगे, जिसमें आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात एक आदेश जारी कर शनिवार से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रजिस्टर्ड दुकानों को कुछ शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दे दी। यह छूट सिर्फ उन्हीं दुकानों को मिलेगी, जो नगर निगमों और नगरपालिकाओं की सीमा में नहीं आती। शहरी क्षेत्र में शॉपिंग मॉल्स और कॉम्प्लेक्स अभी नहीं खुलेंगे। हालांकि, नगर निगमों और नगरपालिकाओं की सीमा में आने वाले रेजिडेन्शियल कॉम्प्लेक्स और आस-पड़ोस की सभी दुकानें खुलेंगी।
हालंाकि गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कुछ शर्तें भी जोड़ी हैं। इसके मुताबिक, सभी दुकानें संबंधित राज्यध्केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड होनी चाहिए। इन दुकानों में अधिकतम 50 फीसदी स्टाफ को ही काम करने की छूट होगी।
अब दूध, फल, राशन जैसे जरूरी सामान के अलावा गैर जरूरी सामान की दुकानें भी खुल सकेंगी। हालांकि, इसके लिए सरकार ने कुछ शर्तें रखीं हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा। किसी भी दुकान में 50 फीसदी से ज्यादा स्टाफ काम नहीं कर सकेगा। सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। केंद्र शासित प्रदेश या राज्य के स्थापना अधिनियम के तहत इन दुकानों का पंजीकृत होनी जरूरी है।

Centre gives clearance for neighbourhood shops to open
Centre gives clearance for neighbourhood shops to open

इसमें एक बात ध्यान देने वाली है कि शहरी सीमा से बाहर ही मार्केट कॉम्प्लेक्स खुल सकेंगे। शहर के अन्दर बाजार में दुकानें और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को खोलने की इजाजत नहीं है। शहरी सीमा से मतलब नगर निगम या नगरपालिका के अधीन आने वाला क्षेत्र है। सिंगल दुकानें, आस-पड़ोस और रेजिडेन्शियल कॉम्प्लेक्स में मौजूद दुकानें भी खुल सकेंगी। दरअसल, केंद्र सरकार चाहती है कि छोटे कारोबारियों का नुकसान न हो, लोगों को दिक्कतें न हों, धीरे धीरे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए। शनिवार से रमजान की शुरुआत भी इसके पीछे एक वजह मानी जा रही है। जो भी हो पर, संक्रमण के आंकड़े लगातार बढते जा रहे हैं, ऐसे में इस फैसले को कई लोग गलत मानकर चलकर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *